देहरादून,22मार्च 2025(हमारी चौपाल सव्वाद्दाता )शिमला बायपास रोड पर स्थित आसन नदी में खनन माफिया ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए खुलेआम अवैध खनन शुरू कर दिया है। माफियाओं ने नदी के भीतर चार ट्रैक्टर और एक जेसीबी मशीन उतारकर खनन का सिलसिला जारी रखा। हैरानी की बात यह है कि इस अवैध खनन के चलते नदी के प्रवाह को ही बदल दिया गया है, ताकि खनन में कोई बाधा न आए।
यह सब तब हो रहा था, जब राज्य सरकार अपनी तीन वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मना रही थी। जहां एक ओर मुख्यमंत्री अपनी सरकार के कार्यों की सराहना कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर खनन माफिया प्रशासन की नाक के नीचे से अवैध रूप से खनिज संपदा का दोहन कर रहे थे।
प्रशासन की उदासीनता या मिलीभगत?
जब हमारी चौपाल के संवाददाता ने स्थानीय पुलिस चौकी से संपर्क किया, तो पता चला कि चौकी इंचार्ज अवकाश पर हैं। यह महज एक संयोग था या सुनियोजित योजना? क्या माफियाओं को पहले से जानकारी थी कि सरकार अपने तीन साल पूरे होने के जश्न में व्यस्त रहेगी और इसी का फायदा उठाकर उन्होंने अवैध खनन को अंजाम दिया?
जिला खान अधिकारी से संपर्क करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे सवाल उठता है कि क्या यह खनन केवल माफियाओं की मनमानी का नतीजा है, या फिर इसमें प्रशासन की मिलीभगत भी शामिल है?
हमारी चौपाल की लगातार मुहिम
हमारी चौपाल इससे पहले भी कई बार अवैध खनन के मामलों को उजागर कर चुकी है, जिसके बाद प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी थी। इस बार भी हम उम्मीद करते हैं कि सरकार तुरंत हस्तक्षेप करेगी और खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएंगे या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?