AnuragGupta
पिथौरागढ़10,02,2025। उत्तराखंड एसटीएफ और वन प्रभाग पिथौरागढ़ की टीम ने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) दिल्ली के सहयोग से पिथौरागढ़ में वन्यजीव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 02 भालू की पित्त बरामद की गई है। यह पित्त 1-2 वर्ष पुरानी होने की संभावना जताई जा रही है।
तस्कर नेपाल का रहने वाला, भारत में बेचने आया था वन्यजीव अंग
गिरफ्तार तस्कर की पहचान शेरी राम (65) पुत्र झुपरी राम, निवासी ग्राम रोड़ी देवल, विजुल, जिला बैतड़ी, अंचल महाकाली, नेपाल के रूप में हुई है। वह लंबे समय से वन्यजीव अंगों की तस्करी में लिप्त था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि यह तस्कर नेपाल से भारत में भालुओं के अंग बेचने के लिए आया है। इसके आधार पर टीम ने गुप्त ऑपरेशन चलाकर पिथौरागढ़ फॉरेस्ट रेंज के शिलोनी अड़किनी तिराहे के पास से इसे गिरफ्तार कर लिया।
वन्यजीव तस्करी के नेटवर्क की जांच जारी
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि भालू को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है और इसका शिकार एक गंभीर अपराध है। प्रारंभिक पूछताछ में तस्कर ने माना कि वह लंबे समय से नेपाल-भारत सीमा पर वन्यजीव अंगों की तस्करी में लिप्त है। अभी यह जांच की जा रही है कि भालुओं की हत्या कहां और किस प्रकार की गई।
टीम की सराहनीय भूमिका
इस ऑपरेशन में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी महेंद्र गिरि और किशोर कुमार की विशेष भूमिका रही। वन प्रभाग पिथौरागढ़ की टीम, जिसमें कैलाश चंद्र, मनोज ज्याला, किरण नगरकोटी, और नीरंजन कन्याल शामिल थे, ने भी अहम योगदान दिया।
एसएसटीएफ की जनता से अपील
एसएसपी नवनीत भुल्लर ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को वन्यजीव तस्करी के बारे में कोई जानकारी हो तो वह तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ (फोन नंबर: 0135-2656202) से संपर्क करें।
गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण
नाम: शेरी राम पुत्र झुपरी राम
निवास स्थान: ग्राम रोड़ी देवल, विजुल, जिला बैतड़ी, अंचल महाकाली, नेपाल
उम्र: 65 वर्ष
बरामदगी का विवरण
सामग्री: 02 भालू की पित्त
टीम की सूची:
एसटीएफ टीम: निरीक्षक एम.पी. सिंह, उपनिरीक्षक प्रकाश भगत, मुख्य आरक्षी महेंद्र गिरि, किशोर कुमार, आरक्षी दीपक भट्ट, चालक संजय कुमार
वन प्रभाग पिथौरागढ़ टीम: कैलाश चंद्र (वन दरोगा), मनोज ज्याला (वन आरक्षी), किरण नगरकोटी (महिला वन आरक्षी), नीरंजन कन्याल (वन आरक्षी)
उत्तराखंड एसटीएफ का यह कदम वन्यजीव तस्करों पर कड़ा प्रहार है और प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।