समाचार एजेंसी
देहरादून। राजधानी में खनन माफिया अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं, यहां लगातार मशीनो से अवैध खनन जारी है जबकि जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है लेकिन माफियाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। ये खनन माफिया जहां एक ओर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को लगाम लगाने के लिए दिन रात मेहनत कर जनता के बीच अपनी बात पहुंचा रहे हैं वहीं दूसरी ओर राज्य और जिला स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के तमाम अच्छे कार्यों पर पलीता लगाने पर लगे हुए हैं।
अवैध खनन के एक के बाद एक मामले सामने आने के बावजूद प्रशासन खनन माफिया पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। पछवादून के सहसपुर, राजावाला, सिंगनीवाला सहित कई इलाकों में माफिया धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं। इधर सोंग नदी में भी अवैध खनन हो रहा है। इससे पहले सोंग नदी में दो जगहों पर अवैध खनन पकड़ा गया था। इसके बावजूद भी सरकारी मशीनरी में खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।
सरकारी तंत्र और माफिया की सांठगांठ से अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। करीब दो माह से पछवादून के आधा दर्जन से अधिक जगहों पर अवैध खनन हो रहा था। यहां पूरी पूरी रात नदियों से खनिज सामग्री निकाली जा रही थी लेकिन अधिकारियों ने पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की थी पर बाद में मामला शासन तक पहुंचने के बाद उच्चस्तरीय टीम यह देखकर दंग रह गई थी कि वहां पोकलेन सहित दूसरी प्रतिबंधित मशीनों से नदी में अवैध खनन हो रहा है। माफियाओं ने यहां दस से बारह फीट तक गड्डे किए हुए हैं और कई जगह तो लम्बी लम्बी खाई तक बना डाली हैं। इस तरह के अवैध खनन को देखने के बाद अफसरों को इस मामले में कार्रवाई करनी पड़ी और चार डम्पर और एक पोकलेन मशीन को सीज करना पड़ा। इतना सब होने के एक दिन बाद ही फिर से मशीने नदियों का सीना चीरती नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि नेशनल हाई वे नाम पर यहां लगातार अवैध खनन हो रहा है और माफिया ग्राम समाज की जमीनों पर लगातार खनन कर रहे हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि माफिया चलती नदी में पानी के बीच ख्नन कर रहे हैं और वह भी पेाकलेन जैसेी मशीनों से। यहां जेसीबी और पोकलेन से लगातार डम्परों को भरने का काम किया जा रहा है।
दूसरी जगहों पर अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन ने कोई शिकंजा नहीं कसा। इसके बाद राजावाल और सिंगनीवाला के पास धड़ल्ले से अवैध खनन होता हुआ पकड़ा गया था। कुछ दिन पहले सांग नदी व दुल्हनी नदी में भी पुलिस ने अवैध खनन करके ला रहे तीन ट्रैक्टर-ट्राली को लाडपुर के निकट पकड़कर सीज किया था। बताते हैं कि रात में पछवादून में बहने वाली एक दर्जन बरसाती नदियों के किनारे अवैध खनन जोरों से हो रहा है। अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आने के बावजूद प्रशासन इन पर कोई लगाम नहीं कस पा रहा है। खनन रोकने के लिए जिला और तहसील स्तर पर गठित टास्क फोर्स भी निष्क्रिय होने से खनन माफिया को इसका पूरा फायदा मिल रहा है।
एक ओर मुख्यमंत्री राज्य में सरकारी जमीनों का चिन्हीकरण कर उनको माफियाओं के शिंकजे से खाली करवाने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार के अधिकारी खनन हो या भू माफियाओं को पूरा सहयोग कर सीएम के विजन को मिट्टी में मिला रहे हैं। शिकायत के बाद भी ये अधिकारी कार्रवाई करना उचित नहीं समझते हैं।
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