अमजा उत्तरांखड महामंत्री रवीन्द्रनाथ कौशिक ने पत्रकारों पर हमले की निंदा की, कार्रवाई नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा
हरिद्वार 12 सितंबर। सामान्य जन आज कितना सुरक्षित हैं ये ज्वालापुर की एक घटना से समझा जा सकता हैं जब हरिद्वार जरुर के दो वरिष्ठ पत्रकारों पर कोतवाली ज्वालापुर में ही जानलेवा हमला हो गया। जिन लोगों ने हमला किया हैं वो शहर के उन दबंग लोगों में गिने जाते हैं जो कहीं लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जे करते हैं तो कहीं अवैध निर्माण कर प्रशासन को खुली चुनौती देते हैं।इतना ही नहीं, इन लोगों पर पहले से ऐसे कई आपराधिक मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं जिनसे इनके अपराधिक इतिहास के बारे में भी मालूम हो जाता हैं। दोनों पत्रकार हैं आल मिडिया जर्नालिस्ट एसोसिएशन के बड़े पदाधिकारी हैं बता दें कि जिन वरिष्ठ पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया गया हैं उनमें आल मिडिया जर्नालिस्ट एसोसिएशन के जिला महासचिव मनीष कागरान व संगठन मंत्री नरेन्द्र प्रधान हैं।
हैरान करने वाली बात ये हैं कि जिन लोगों नें दोनों पत्रकारों पर ज्वालापुर कोतवाली में हमला किया हैं वो हमला करने के बाद कोतवाली से छाती चौड़ी करके व आसानी से बाहर निकलकर चलते बने,जो ज्वालापुर में तैनात उन पुलिसकर्मियों पर भी बहुत से सवाल खडे करता हैं जिनकी वाह वाही खबरों के माध्यम से लोगों तक पहुंचती हैं।
बता दें कि हरिद्वार में ऐसे बहुत से अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं जो पूर्ण रूप से अवैध तो हैं ही, साथ ही वो सम्बंधित विभाग की मिली भगत की पोल भी खोल रहे हैं।बस यही एक दुर्भाग्य रहा कि दोनों पत्रकार पड़ोसियों की शिकायत पर इन्ही में से एक अवैध निर्माण की पुष्टि करने न्यू माडल कालोनी पहुँच गये,लेकिन उन्हें ये मालूम नही था कि दोनों पर आज जानलेवा हमला करने की तैयारी पहले से थी।
*धर्मनगरी में जंगल राज! 14 घंटे में दो हत्याओं के बाद अब कोतवाली परिसर में पत्रकार पर जानलेवा हमला।*
धर्म नगरी में अपराधियों ने तांडव मचा रखा है 14 घंटे में 2 हत्याओं के बाद अब कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकारों पर जानलेवा हमले का मामला सामने है।
जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र प्रधान, संगठन सचिव ऑल मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन उत्तरांखड हरिद्वार तथा महामंत्री मनीष कागरान शहर में अवैध निर्माण की शिकायत की पुष्टि करने पहुंचे थे जहां पत्रकारों को कवरेज करते देख दबंगों , जिनके नाम शिवम् शर्मा और उसका पिता कृष्णपाल शर्मा बताया जाता है,ने अपने तीन चार साथियों के साथ घेर दोनों पत्रकारों के ऊपर सेटरिंग से जानलेवा हमला कर प्रधान का सिर फोड़ दिया। पत्रकार किसी तरह जान बचा अपने साथ हुई घटना की जानकारी देने पुलिस कोतवाली ज्वालापुर पहुंचे । वहां यही बाहुबली बाप – बेटा एक महिला जिसका नाम बीना शर्मा बताया गया,पहले से कोतवाली पहुंचे दिखे। उन्होंने कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकारों पर दोबारा धावा बोल दिया । कागरान का गिरेबान पकड़ उनके कपड़े फ़ाड़ दिये गये। हमलावरों के तार शहर के बड़े भूमाफियाओं और एक राजनीतिक दल से जुड़े बताए जा रहे हैं। शिवम् शर्मा खुद को सत्तारुढ़ भाजपा का नेता बताता है। यह परिवार रानीपुर मोड़ विशाल मेगामार्ट के पीछे रहता बताया जा रहा है।
कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकार पर हुए जान हमले को लेकर अब पुलिस विभाग की कार्यशैली और क्षमता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पहले ही धर्म नगरी में बीते 14 घंटे के भीतर दो हत्यायें हो चुकी हैं। अब सवाल यह है कि जब कोतवाली परिसर के भीतर पत्रकार तक सुरक्षित नहीं है तो सामान्य जन शहर की सड़कों पर अपने आप को सुरक्षित कैसे महसूस करेंगे? पत्रकार संगठन अमजा उत्तरांखड हरिद्वार के सदस्य अपने पदाधिकारियों के साथ कोतवाली ज्वालापुर परिसर में देर रात तक धरने पर डटे हुए थे।
अमजा उत्तरांखड महामंत्री रवीन्द्रनाथ कौशिक ने पत्रकारों पर हमले की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि पुलिस और विकास प्राधिकरण ने विधि अनुसार कार्रवाई नहीं की और किसी राजनीतिक दबाव में दिखा तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा।