देहरादून,16अप्रैल 2025 : उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय पुलिस समीक्षा गोष्ठी का आयोजन एक सशक्त और तकनीक-सक्षम पुलिस बल के निर्माण हेतु उल्लेखनीय कदम रहा। प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, रेंज प्रभारियों, समस्त जनपदों के पुलिस प्रमुखों और विशेष इकाइयों के अधिकारियों की उपस्थिति में यह बैठक अपराध नियंत्रण, महिला सशक्तिकरण, चारधाम यात्रा की तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा जैसे विविध आयामों पर केंद्रित रही।
राज्यव्यापी अपराध नियंत्रण अभियान की गहन समीक्षा
अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन ने अपराधियों की धरपकड़, लंबित विवेचनाओं, कुर्की/वारंट निष्पादन, और नशा तस्करी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियानों की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की। डीजीपी ने निर्देशित किया कि:
थानावार समीक्षा कर वांछित व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
एनबीडब्लू और कुर्की वारंट के निष्पादन में तेजी लायी जाए।
नशा तस्करी के हॉटस्पॉट चिन्हित कर सघन चेकिंग और PIT-NDPS के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाए।
डायल 112 की प्रतिक्रिया समय को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु संसाधनों का पुनर्संरचना किया जाए।
महिला सुरक्षा को लेकर बीट स्तर पर जनसंपर्क अभियान और साइबर जागरूकता की विशेष मुहिम चलाई जाए।
नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन
डीजीपी ने Zero FIR, e-FIR तथा गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक टीम की अनिवार्य उपस्थिति को सुनिश्चित करने की बात कही।
CCTNS के माध्यम से डेटा गुणवत्ता सुधारने और डिजिटल सबूतों की समयसीमा में अपलोडिंग के निर्देश दिए गए।
पोर्टल्स की प्रगति व डिजिटल दक्षता पर विशेष जोर
NCRP, CEIR, SAMANVAY, NATGRID, NCORD, NIDAAN, MANAS जैसे राष्ट्रीय पोर्टलों की प्रगति की समीक्षा करते हुए हर जनपद में नामित नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए। संबंधित कर्मियों को नियमित प्रशिक्षण व रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई।
चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों पर विशेष फोकस
गढ़वाल रेंज में स्थापित चारधाम कंट्रोल रूम को शीघ्र क्रियाशील किया जाएगा।
ट्रैफिक प्लानिंग, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग एवं सुरक्षा की व्यवस्था को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए।
उत्तराखण्ड पुलिस ऐप को रियल-टाइम अपडेट व इमरजेंसी सेवाओं के लिए उन्नत किया जाएगा।
> डीजीपी ने कहा: “चारधाम यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा से जुड़ा महत्वपूर्ण आयोजन है। इसलिए हमारी भूमिका निर्णायक है।”
‘फिट उत्तराखण्ड’ अभियान – पुलिसकर्मियों की फिटनेस सर्वोपरि
‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के अंतर्गत फिट उत्तराखण्ड अभियान को गति दी जा रही है।
इसमें शामिल हैं:
पुलिसकर्मियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
योग, पीटी व मेडिटेशन
मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग वर्कशॉप्स
कार्य-जीवन संतुलन हेतु जागरूकता अभियान
यह पहल न केवल बल की दक्षता में वृद्धि करेगी, बल्कि उनके मनोबल को भी सुदृढ़ करेगी।
सीमावर्ती बलों और पेंशनर्स हेतु समर्पित नोडल अधिकारी प्रणाली
बॉर्डर पर तैनात सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान हेतु:
जनपद स्तर पर पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
राज्यस्तरीय नोडल अधिकारी मुख्यालय पर नामित होगा।
चिकित्सा सहायता, पेंशन समस्याएं और परामर्श सेवाएं समयबद्ध तरीके से निपटाई जाएंगी।
महिला पुलिस बल के लिए नीतिगत सुधार
महिला पुलिसकर्मियों की प्रोफेशनल दक्षता बढ़ाने हेतु निम्न योजनाएं घोषित की गईं:
विशेष स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स
साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा व विवेचना पर कार्यशालाएं
मातृत्व, स्वास्थ्य और पदोन्नति से जुड़े प्रावधानों को बेहतर बनाना
समान अवसर एवं सम्मान की नीति पर बल
प्रस्तुतियाँ और प्रशासनिक संवाद
राज्य के सभी जनपदों, एसटीएफ, रेलवे, PAC, SDRF और IRB इकाइयों ने कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण व आपदा प्रबंधन से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं।
डीजीपी का संदेश: तकनीक-सक्षम, संवेदनशील और प्रोफेशनल बल हमारा लक्ष्य
डीजीपी दीपम सेठ ने अपने समापन संबोधन में कहा:
> “उत्तराखण्ड पुलिस कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, साइबर अपराध और पुलिस बल के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर मिशन मोड में कार्यरत है। राज्य की आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा देने के लिए तकनीक और संवेदनशीलता को समान रूप से अपनाना समय की मांग है।”
> “मुख्यमंत्री जी के ‘फिट उत्तराखण्ड’ अभियान और चारधाम यात्रा की तैयारी में पुलिस की सक्रिय भागीदारी राज्य की पहचान को और ऊंचा करेगी।”
सम्पूर्ण समीक्षा गोष्ठी राज्य में एक जवाबदेह, सजग और समर्थ पुलिस तंत्र की दिशा में बड़ा कदम सिद्ध होगी।
— हमारी चौपाल ब्यूरो रिपोर्ट