देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश में अवैध मदरसों पर की जा रही धामी सरकार की कार्रवाई का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मदरसे अवैध तब होते, जब यह औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आवेदन नहीं करते। पिछले आठ से 10 वर्षों से तमाम मदरसों की विधिवत अर्जियां लंबित हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर करते हुए पूर्व सीएम रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आजकल अवैध मदरसों की बात बहुत कहने लगे हैं। एक दिन अचानक भाजपा को लगता है कि आजकल कुछ उन्होंने मदरसा, मजार, लव जिहाद आदि नहीं कहा तो वह मदरसा-मदरसा, अवैध मदरसा कहने लग गए हैं। यह अवैध तो तब होते जब इन्होंने औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आवेदन नहीं किया होता। उन्होंने कहा कि सरकार उन पर दंड लगा सकती है, लेकिन उनको अवैध नहीं कह सकती है। वह राज्य के नियमानुसार आवेदक हैं। उन बच्चों के बारे में सरकार क्या सोच रही है, जो इन मदरसों में पढ़ रहे हैं। वह बच्चे और उनके अभिभावक भी इसी राज्य के नागरिक हैं।
अवैध मदरसों पर कार्रवाई का हरीश रावत ने किया विरोध
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