15 देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखण्ड पेयजल निगम की एक जांच समिति ने जिस कम्पनी को ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति की थी, विभाग के मुख्य अभियन्ता ने उसी कम्पनी को टेण्डर देकर ईनाम से नबाजा है। मुख्य अभियन्ता ने अधीक्षण अभियन्ता रहते हुये अपने अधिकार क्षेत्र के अधिकतर टेण्डर एक ही कम्पनी को दिये। यह जांच का विषय है कि मुख्य अभियन्ता उस कम्पनी पर इतने मेहरवान क्यो है और जो अतिरिक्त पैसा उस कम्पनी पर लुटाया जा रहा है उसके हिस्सेदार कौन कौन है। सरकारी धन के लूट के इस खेल का खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है।