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क्या ब्रश करने से भी पहुंचता है दांतों को नुकसान जान लीजिए जवाब

कई बार जल्दी-जल्दी के चक्कर में लोग सुबह ब्रश करना भूल जाते हैं. इस कारण पूरे दिन अजीब सा महसूस होता रहता है. इससे ओरल हेल्थ खराब हो सकता है. दांतों का सही तरह ख्याल रखने से गंभीर बीमारियों का रिस्क कम होता है. इससे दांत और मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं. एक स्टडी बताती है कि 10 में से सिर्फ एक ही व्यक्ति सही तरीके से ब्रश करता है.
सही तरीके से ब्रश नहीं करने वालों को डिमेंशिया का खतरा रहता है. ऐसा दांतों में सडऩ या दांत खराब होने की वजह से हो सकता है. इसमें दिमाग में सूजन, दांतों में इंफेक्शन का जोखिम भी रहता है. दांतों को सडऩे से बचाने के लिए हर दिन कम से कम एक बार ब्रश जरूर करना चाहिए लेकिन एक सवाल अक्सर उठता है कि क्या ब्रश करने से भी दांतों को नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते हैं जवाब…
क्या ब्रश करने से दांतों को नुकसान हो सकता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत से लोग दांतों की सफाई में काफी कम समय लेते हैं. कुछ लोगों को दिन में दो बार ब्रश करना ही झंझट का काम करता है. दांतों को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें सही तरह से साफ किया जाए. ब्रश करना दांतों की सफाई के लिए जरूरी है लेकिन अगर दिन में कई-कई बार और तेज ब्रश करते हैं तो इससे दांतों की ऊपरी परत इनेमल (श्वठ्ठड्डद्वद्गद्य) कमजोर हो जाते हैं. इससे दांतों की जड़ें नजर आने लगती है और कई नुकसान भी हो सकते हैं. अगर ब्रसल्स खराब होने के बाद भी ब्रेश नहीं बदल रहे हैं तो भी कई तरह की ओरल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
ब्रश करते समय न करें 5 गलतियां
1. एक ही ब्रश कभी भी 3-4 महीने से ज्यादा यूज नहीं करना चाहिए. एक ब्रश को सिर्फ 200 बार ही इस्तेमाल करना चाहिए. वरना दांत सही तरह साफ नहीं हो पाएंगे और बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
2. कभी भी जल्दी-जल्दी में ब्रश कर कुल्ला न करें. इससे मुंह सही तरह साफ नहीं होता है. कम से कम 45 सेकंड से लेकर 2 मिनट तक ब्रश करना चाहिए.
3. बाथरूम में ब्रश को रखने से इससे बैक्टीरियल प्रॉब्लम्स का खतरा रहता है. दरअसल, टॉयलेट की सफाई के बावजूद भी इसमें कीटाणु रहते हैं, वहां रखी ब्रश से दांतों में इंफेक्शन हो सकता है.
4. दांतों की सफाई के साथ अगर जीभ की सफाई नहीं करते हैं तो बैक्टीरियल प्रॉब्लम्स हो सकती है.
5. डेंटल फ्लॉस के इस्तेमाल से दांत कमजोर और खराब हो सकते हैं. हालांकि, अपने देश में इसका इस्तेमाल कम लोग ही करते हैं.

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