रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विकास गर्ग ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व न्यायमूर्ति राजेश टंडन , शहीद चित्रेश बिष्ट के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट, मधु थापा नरेंद्र मोदी सेना सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा आदि मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि किरणजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्त्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक वैसे ही मीडिया की उपयोगिता के बढ़ने के साथ-साथ इसके दुरूपयोग भी बढ़ रहे हैं अब वह चाहे किसी राजनीतिक दल के दबाव से बढ़े या फिर गुंडाराज से। वर्तमान समय में हमें मीडिया की स्वतंत्रता पर खतरा मंडराता दिख रहा है जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए, क्योंकि हम 21वी सदी में जी रहे हैं और एक लोकतांत्रिक देश में मीडिया को अपनी शक्तियों के उपयोग की पूरी स्वतंत्रता होती है। कोई भी समाज, सरकार, वर्ग, संस्था, समूह व्यक्ति मीडिया की उपेक्षा कर आगे नहीं बढ़ सकता है। आज के जीवन में मीडिया आम जनमानस के जीवन की एक अपरिहार्य आवश्यकता बन गया है। अगर हम देखें कि समाज किसे कहते हैं, तो यह तथ्य सामने आता है कि लोगों की भीड़ या असम्बद्ध मनुष्य को हम समाज नहीं कह सकते हैं। समाज का अर्थ होता है सम्बन्धों का परस्पर ताना-बाना, जिसमें विवेकवान, प्रज्ञावान और विचारशील मनुष्यों वाले समुदायों का अस्तित्व होता है।अगर हम अपने देश भारत को देखें, तो भारत में टेलीविज़न के इतिहास को बिना दूरदर्शन से जोड़े नहीं देखा जा सकता है। उस समय कम ग्राफिक्स और बिना किसी हैवी साउंड के एक समाचार प्रस्तुतकर्ता आता या आती और बड़ी शालीनता से समाचार सुनाते और फिर समाचार समाप्त हो जाते। इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष विकास गर्ग ने कहा लोकतांत्रिक देशों में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिये मीडिया को ‘‘चौथे स्तंभ’’ के रूप में जाना जाता है। 18वीं शताब्दी के बाद से, खासकर अमेरिकी स्वतंत्रता आंदोलन और फ्राँसीसी क्रांति के समय से जनता तक पहुँचने और उसे जागरूक कर सक्षम बनाने में मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मीडिया अगर सकारात्मक भूमिका अदा करें तो किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। वर्तमान समय में मीडिया की उपयोगिता, महत्त्व एवं भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। कोई भी समाज, सरकार, वर्ग, संस्था, समूह व्यक्ति मीडिया की उपेक्षा कर आगे नहीं बढ़ सकता। आज के जीवन में मीडिया एक अपरिहार्य आवश्यकता बन गया है। अगर हम देखें कि समाज किसे कहते हैं तो यह तथ्य सामने आता है कि लोगों की भीड़ या असंबंद्घ मनुष्य को हम समाज नहीं कह सकते हैं। समाज का अर्थ होता है संबंधों का परस्पर ताना-बाना, जिसमें विवेकवान और विचारशील मनुष्यों वाले समुदायों का अस्तित्व होता है। मीडिया एक समग्र तंत्र है जिसमें प्रिंटिंग प्रेस, पत्रकार, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम, रेडियों, सिनेमा, इंटरनेट आदि सूचना के माध्यम सम्मिलित होते हैं। अगर समाज में मीडिया की भूमिका की बात करें तो इसका तात्पर्य यह हुआ कि समाज में मीडिया प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से क्या योगदान दे रहा है एवं उसके उत्तरदायित्वों के निर्वहन के दौरान समाज पर उसका क्या सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व न्यायमूर्ति राजेश टंडन , शहीद चित्रेश बिष्ट जी के पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट, मधु थापा,नरेश गुप्ता, कमल बंसल, नरेश मनोचा, अनिल मनोचा आदि ने अपने विचार रखे।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से 51 सम्मानित लोगों को पत्रकारिता, समाज सेवा, शिक्षा, चिकित्सा में प्रमुख रूप से भूमिका निभाने पर सम्मानित किया गया। जिसमे दीपक कुमार पत्रकार मसूरी, मुमताज आलम खान पत्रकार हरिद्वार, दीपक सलवान पत्रकार, मंजीत अरोड़ा पत्रकार, विकास बेनवाल समाजसेवी,अजय कौशिक समाज सेवी, विनीत गुप्ता पत्रकार,अनिल मनोचा पत्रकार, जीआर शर्मा पत्रकार, नरेश गुप्ता पत्रकार, अवनीश शर्मा पत्रकार, अमित साहनी समाज सेवी, कमल बंसल समाजसेवी, सुनिल वर्मा पत्रकार, सुमित गर्ग समाजसेवी, नरेश मनोचा पत्रकार, संजय कमोठी पत्रकार, बिपिन नोटियाल पत्रकार,कमल नाथ सागर समाज सेवी,महेश नारायण समाज सेवी,समाजसेवी, सुरेश चंद बलूनी कोतवाली प्रभारी सोनप्रयाग जनपद, अकील अहमद पत्रकार, डॉक्टर पूनम रावत, प्रेम सिंह नेगी राज्य आंदोलनकारी, नरेश रावत पार्षद भाजपा, प्रमोद मंद्रवाल समाजसेवी, सलीम रजा पत्रकार, अनूप रौतेला वन विभाग, देवी राम सेमवाल पत्रकार आदि शामिल थे।