देहरादून,18,11,2025
देहरादून बैठक में पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि रीच संस्था वर्ष 1995 से निरंतर रूप से विरासत महोत्सव का आयोजन कर रही है और यह प्रतिष्ठित महोत्सव अब अपने 30 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा पूरी कर चुका है। उन्होंने बताया कि विरासत में देश-प्रदेश के साथ ही विदेशों से भी कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। संस्था द्वारा महोत्सव के सफल संचालन, उससे संबंधित व्यवस्थाओं एवं वर्तमान चुनौतियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई।
राज्यपाल ने कहा कि “विरासत”- जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, हमारी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इस तरह के महोत्सव को संजोना, संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 30 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रहे इस महोत्सव के लिए संस्था के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए वित्तीय सुदृढ़ता अनिवार्य होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर, विभिन्न उद्यमियों तथा सरकारी संस्थानों से सहयोग की संभावनाओं का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी सहित अन्य प्रमुख संस्थान भी इस दिशा में सहयोगी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें युवाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है ताकि वे अपनी विरासत और अपनी संस्कृति के साथ और गहराई से जुडें। राज्यपाल ने कहा कि वे अपने स्तर से भी विरासत महोत्सव के सुचारू और निरंतर आयोजन हेतु हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। इस अवसर पर संस्था के महासचिव आर के सिंह, हेमन्त अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।