13 जून को जब ईरान की राजधानी तेहरान में सुबह 7 बजे इजरायली मिसाइलों और ड्रोन के हमलों से लगभग 1000 वर्ग किलोमीटर में भीषण विस्फोट हुए।इन हमलों में 78 सेना के कमांडर और कई वैज्ञानिक मारे गए।यह संयोजित हमला था।तेल अबीब में इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला हमने किया है और इस तरह के और भी हमले इसराइल ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को नेस्तानाबूद करने के लिए करता रहेगा जब तक कि पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता है।दूसरी ओर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने कहा कि इसराइल को खून के आंसू रोने पड़ेंगे।ईरान इसराइल से पूरा बदला लेगा उन्होंने इस हमले को अमेरिका की घृणित नीति बताया है। शुक्रवार की नमाज में ईरान ने नागरिकों की एक जुटाता दिखाई।
मध्य एशिया में अब हालत बहुत खराब होने वाले हैं। आज के हमलों के बाद अंतराष्ट्रीय तेल बाजार में क्रूड ऑयल के दाम आठ फीसदी बढ़ गए हैं क्योंकि ईरान , लीबिया, सीरिया, लेबनान, सऊदी अरब, कतर, यमन, दोहा, कुवैत, इसराइल,इराक क्रूड ऑयल के सबसे बड़े उत्पादक देश हैं।पूरे विश्व में क्रूड ऑयल इन देशों से निर्यात किया जाता है।
पहले ही विगत डेढ़ साल से हमास और इसराइल युद्ध चल रहा है।हमास पालिस्टिन के शासक है। पालिस्टिन में हालत बहुत खराब है।गाजा में बड़े, बच्चे, बुजुर्ग भूखे मर रहे हैं।
लोग अंतराष्ट्रीय राहत सामग्री को लूट रहे हैं और इजरायली सेना की गोलियों का शिकार बन रहे हैं।
इसराइल और अमेरिका दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
ताजा मामला में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कि हमारा इस हमले कोई लेना देना नहीं है। लेकिन अमेरिका ईरान से कहना चाहते हैं कि ईरान को न्यूक्लियर कार्यक्रम के बारे में जानकारी देना चाहिए।अगर इजरायल का अस्तित्व इससे जुड़ा है तो इज़राइल को विश्वास में लिया जा सकता है
लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी इजरायल को सबक सिखाने चाहते हैं।
यह लड़ाई अब येरूशलम और मक्का मदीना की बनती जा रही है। मध्य एशिया के देश इज़राइल का स्थाई हल चाहते हैं। क्योंकि फलस्तीन पूरी तरह अपनी जमीन खो चुकी है। अब बस गाजा पट्टी में ही जगह है।
ईरान हमेशा से लगभग 45 वर्षों से अमेरिका के खिलाफ है।
16,लाख वर्ग किलोमीटर में फैले इस नौ करोड़ आबादी वाली ईरान को पूर्व में फारस कहते थे। यहां 1800 ईसवी से पहलवी सल्तनत थी और रजा पहलवी शासक थे।1953 में उनका पुत्र अली पहलवी शासक हुआ।1979 में फरवरी में ईरानी क्रांति हुई और इस्लामिक गणराज्य बना ।तेहरान को राजधानी बनाया गया था। वर्तमान सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी के पिता अयातुल्ला खुमैनी सर्वोच्च नेता बने।
उस दौर में सौ अमेरिका पर्यटकों को बंधक बनाया गया था और एक साल तक नहीं छोड़ा गया था। तत्कालीन राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर अगले चुनाव में इसी लिए हार गए थे।
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ईरान पर इसराइल का मिसाइलों से हमला, मध्य एशिया में तबाही संकेत : अजय दीक्षित
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