नई दिल्ली (आरएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून के तहत 14 लोगों को नागरिकता मिली है। ये लोग पड़ोसी मुल्कों से धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए थे। इस कानून के तहत नागरिकता पाने वाले ये पहले लोग हैं। होम मिनिस्ट्री ने बुधवार को इन्हें नागरिकता से संबंधित दस्तावेज सौंपे और उनके आवेदन को मंजूर कर लिया। इन लोगों को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने नागरिकता संबंधी दस्तावेज सौंपे और बधाई दी। इसी साल 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून लागू किया गया था। इस कानून के तहत आवेदन पर डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी विचार करती है। इसके बाद राज्य स्तरीय सशक्त समूह के पास यह मामला जाता है।
उससे मंजूरी मिलने के बाद होम मिनिस्ट्री से इस पर फैसला होता है। बीते दो महीनों में होम मिनिस्ट्री के पास पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों के कई आवेदन आए हैं। इन लोगों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं। ये लोग धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं। ये सभी लोग 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए थे। सीएए के अनुसार नागरिकता के लिए तय किया गया है कि 31 दिसंबर, 2014 तक आए लोगों के आवेदन पर ही विचार किया जा सकता है।
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