देहरादून,21,12,2025
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस सुधार केवल प्रशासनिक आवश्यकता नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक शासन, जनविश्वास और भारत के दीर्घकालिक विकास की मजबूत नींव हैं। राज्यपाल शनिवार को ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल (जीसीटीसी) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित “पुलिस सुधार @20 (प्रकाश सिंह निर्णय) विकसित भारत की ओर” राष्ट्रीय सम्मेलन को लोक भवन, देहरादून से वर्चुअल माध्यम द्वारा संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ निर्णय के दो दशक पूर्ण होने पर यह सम्मेलन केवल अकादमिक या प्रशासनिक अभ्यास नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्ममंथन का अवसर है। पुलिस राज्य की सत्ता की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति होने के साथ-साथ नागरिक के सबसे निकट की संस्था भी है, इसलिए उससे संयम, निष्पक्षता और जवाबदेही की अपेक्षा अधिक रहती है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रकाश सिंह निर्णय का मुख्य उद्देश्य पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त कर कार्यकाल की स्थिरता, जांच व कानून-व्यवस्था के पृथक्करण, स्वतंत्र निगरानी तथा पेशेवर स्वायत्तता प्रदान करना था। उन्होंने इसे “विकसित भारत 2047” की दृष्टि से जोड़कर देखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा, तकनीकी विकास, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण जैसे सभी क्षेत्र पुलिसिंग की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल कानून बनाने से नहीं, बल्कि कानून के संवेदनशील और निष्पक्ष क्रियान्वयन से संभव है। उन्होंने कहा कि एक विकसित राष्ट्र केवल अवसंरचना से नहीं, बल्कि विश्वसनीय संस्थाओं से बनता है — और यह विश्वसनीयता सबसे अधिक पुलिस व्यवस्था के माध्यम से झलकती है।
सम्मेलन के दौरान परिषद के दिवंगत संरक्षक कैप्टन (डॉ.) शेखर दत्त, एसएम, आईएएस (सेवानिवृत्त) को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उन्हें ईमानदार, दूरदर्शी और सुधारवादी प्रशासक के रूप में याद किया। मुख्य सत्र में जीसीटीसी के संरक्षक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर लक्ष्मी सिंह, तथा देशभर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, नीति विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और सुरक्षा विश्लेषक शामिल हुए।
