उत्तराखंड,28,11,2025
देहरादून(आरएनएस)। हरिद्वार में 2027 के दिव्य और भव्य कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगा तट पर पहली बार अखाड़ों के आचार्यों एवं संतों के साथ बैठक की। इस ऐतिहासिक बैठक में मुख्यमंत्री ने कुंभ स्नान की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा की। इनमें 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 6 फरवरी को मौनी अमावस्या, 11 फरवरी को वसंत पंचमी, 20 फरवरी को माघ पूर्णिमा, 6 मार्च को महाशिवरात्रि (अमृत स्नान), 8 मार्च को फाल्गुन अमावस्या (अमृत स्नान), 7 अप्रैल को नव संवत्सर, 14 अप्रैल को मेष संक्रांति (अमृत स्नान), 15 अप्रैल को श्रीराम नवमी और 20 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ से जुड़े सभी निर्णयों में संत समाज की परंपराओं और आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने संतों से मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त करने को अपना सौभाग्य बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के अनुरूप उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
उन्होंने बताया कि 2021 का कुंभ कोरोना महामारी के कारण सीमित रहा था, लेकिन 2027 का हरिद्वार कुंभ ऐतिहासिक और विशेष महत्व का होगा। श्रद्धालुओं की संख्या पूर्व के कुंभों की तुलना में कई गुना अधिक होने की संभावना है। सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए पुलिस, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों को समन्वयित किया गया है। भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन, आपात स्थिति की तैयारी और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बैठक में अखाड़ों के आचार्यों ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संतगणों के साथ भोजन भी किया। बैठक में सभी 13 अखाड़ों के महंतों सहित जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
