हमारी चौपाल
देहरादून,15अप्रैल 2025 : राज्य सरकार ने हाल ही में संपन्न कैबिनेट बैठक में कई दूरगामी और जनहितकारी निर्णयों को मंजूरी दी है, जिनसे उत्तराखंड के कृषक, विद्यार्थी, उद्यमी, महिला समूह, तथा आमजन सीधे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा, आपदा प्रबंधन, शहरी विकास एवं सामाजिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।
कीवी मिशन को मिला विस्तार, उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
राज्य में कीवी की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई उत्तराखंड कीवी नीति पारित की गई है। वर्तमान में राज्य के 682 हेक्टेयर क्षेत्र में कीवी की खेती हो रही है, जिससे लगभग 381 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। सरकार ने 2030-31 तक इस क्षेत्र को बढ़ाकर 3300 हेक्टेयर और उत्पादन को 33,000 मीट्रिक टन तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए किसानों को 50% से 70% तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना के अंतर्गत सोटिंग और ग्रेडिंग इकाइयों की स्थापना पर 60% सब्सिडी भी मिलेगी।
सेब और ड्रैगन फ्रूट की खेती को भी बढ़ावा
सेब उत्पादकों के लिए राज्य सरकार ने तुड़ाई के बाद प्रबंधन हेतु स्टोर, सोटिंग और ग्रेडिंग यूनिट्स की स्थापना पर 50% सब्सिडी का प्रावधान किया है। कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोरेज के लिए भी यही सब्सिडी दर लागू होगी।
वहीं, ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ लागत 8 लाख रुपये तय की गई है, जिस पर 80% तक की सब्सिडी मिलेगी। अगले पाँच वर्षों में 282 एकड़ भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 450 किसान लाभान्वित होंगे।
मिलेट मिशन और महिला समूहों को सहायता
राज्य सरकार ने उत्तराखंड मिलेट कृषि नीति को स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत महिला समूहों को मोटे अनाज (मिलेट्स) की खरीद पर प्रति क्विंटल 300 रुपये दिए जाएंगे। माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के लिए 80% तक सब्सिडी दी जाएगी, वहीं लाइन स्विंग योजना के तहत 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान मिलेगा।
संस्कृत गांव और संस्कृत विश्वविद्यालय को नई दिशा
संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु सरकार ने हर जिले में एक गांव को संस्कृत ग्राम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इन गांवों में संस्कृत प्रशिक्षकों को 20,000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। साथ ही, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय अब यूजीसी अधिनियम के अंतर्गत आएगा।
माध्यमिक शिक्षा में क्रांतिकारी पहल
राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को अब निशुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच दोनों में सुधार होगा।
आपदा प्रबंधन में अधिकारी होंगे और सक्षम
आपदा प्रबंधन के तहत जिलाधिकारियों की वित्तीय शक्तियां 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई हैं। मंडलायुक्तों की शक्तियां भी 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई हैं, जिससे आपातकालीन स्थिति में त्वरित राहत और पुनर्वास संभव हो सकेगा।
उद्योग, एयरपोर्ट और अधोसंरचना को मिला बल
यूएसनगर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 11 हेक्टेयर भूमि निशुल्क एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देने की स्वीकृति दे दी गई है। वहीं, मेगा औद्योगिक नीति की समयसीमा को जून तक बढ़ा दिया गया है।
आईटीडीए के ढांचे में 45 से बढ़ाकर 54 पद किए गए हैं। उत्तराखंड आवास विकास परिषद का पुनर्गठन करते हुए इसके पदों की संख्या 19 से बढ़ाकर 30 कर दी गई है।
शहरी विकास और आवास में नई पहल
आवासीय कॉलोनियों में कॉमन एरिया के स्वामित्व को लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और प्रमोटर के बीच एग्रीमेंट के लिए अब 10,000 रुपये की छूट दी जाएगी। ऊधमसिंह नगर जिले की ग्राम पंचायत सिरौली कलां को अब नगर पालिका का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।
नियामकीय और प्रशासनिक सुधार
यूसर्क का यूकोस्ट में विलय कर दिया गया है और नया नाम यूकोस्ट ही रहेगा। लेखा विभाग के सभी कर्मचारी अब लेखा एवं हकदारी के अधीन आएंगे। पैक्स के सचिवों के लिए अब उत्तराखंड बहुद्देश्यीय कर्मचारी सेवा नियमावली लागू की जाएगी, जिससे उनके कार्यक्षेत्र और सेवा शर्तें स्पष्ट होंगी।
स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में संवेदनशील निर्णय
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग में औषधि आयुक्त की नियुक्ति और औषधि नियंत्रक के पद को लेकर निर्णय लिया गया है। वैज्ञानिक संवर्ग में प्रतिरूप सहायक के वेतनमान को बढ़ाया गया है।
सीवर सफाई के दौरान मृत या दिव्यांग होने वाले कर्मियों के बच्चों को अब छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। वहीं, अब सुरक्षा एजेंसियों के नाम में ‘प्राइवेट’ लिखना आवश्यक नहीं होगा, यदि उन्हें मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त है।
यूसीसी में अहम निर्णय
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के तहत अब सब-रजिस्ट्रार को विवाह एवं तलाक की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए अधिकृत कर दिया गया है।
किसानों की आय बढ़ाने एवं नकदी फसलों के अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आज मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।कीवी,ड्रैगन फ्रूट,सेब जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं इनके भंडारण की क्षमता को बढ़ाने के लिए 70-80 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया।इससे पलायन को रोकने में भी मदद लेगी
पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री