Hamarichoupal,12,04,2028
हिंदू धर्म में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का अत्यंत विशेष महत्व है। इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है, जिसका अर्थ है — ‘जिसका क्षय न हो।’ शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों और दान का फल अक्षय होता है, अर्थात् वह कभी समाप्त नहीं होता। यही कारण है कि यह दिन न केवल शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए उपयुक्त माना जाता है, बल्कि दान-पुण्य और भगवान विष्णु-महालक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का भी सर्वोत्तम अवसर है।
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यही वह दिन है जब सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। यह दिन भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। महाभारत में वर्णन मिलता है कि इसी दिन पांडवों को अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई थी, जिससे उन्हें कभी भोजन की कमी नहीं हुई। इस दिन किया गया कोई भी कार्य — चाहे वह दान हो, जप-तप हो या खरीदारी — अनंत गुना फल देने वाला होता है। विशेष रूप से सोना खरीदना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे स्थायी समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
लेकिन यदि इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान किया जाए, तो न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन किन-किन चीजों का दान विशेष फलदायक माना गया है:
1. वस्त्र दान ,कर्ज मुक्ति और मनोकामना पूर्ति का उपाय
अक्षय तृतीया के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को नए अथवा साफ-सुथरे कपड़े दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। ऐसा करने से जीवन में आई आर्थिक कठिनाइयां दूर होती हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही, मन की अधूरी इच्छाएं भी पूर्ण होने लगती हैं।
2. कुमकुम दान , वैवाहिक जीवन में मधुरता और जीवन की समस्याओं से मुक्ति
कुमकुम, जिसे स्त्री,सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक माना गया है, का दान विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं को करना शुभ होता है। यह दान वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बनाए रखने के साथ-साथ जीवन में आने वाली बाधाओं को भी दूर करता है।
3. चंदन का दान ,पाप से मुक्ति और भाग्य उदय का साधन
शीतलता और पवित्रता का प्रतीक चंदन न केवल पूजा में प्रयोग होता है, बल्कि इसका दान भी शुभ माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन चंदन का दान करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और भाग्य के बंद द्वार खुलने लगते हैं।
4. बिस्तर का दान , स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-शांति के लिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जरूरतमंदों को बिस्तर (चादर, गद्दा, तकिया इत्यादि) का दान करने से पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही, इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य में भी सकारात्मक परिवर्तन आता है और धन संबंधी समस्याएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
5. जल का दान , मानसिक शांति और जीवन में संतुलन लाने वाला कार्य
वैशाख मास में चिलचिलाती गर्मी के बीच अगर कोई सबसे आवश्यक चीज है, तो वह है जल। इस दिन राहगीरों को शीतल जल पिलाना या प्याऊ लगवाना महान पुण्य का कार्य है। यह न केवल शरीर को तृप्त करता है, बल्कि दाता को मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्रदान करता है। जीवन की स्थिरता के लिए यह अत्यंत लाभकारी उपाय माना गया है।
अक्षय तृतीया पर ध्यान रखें ये बातें
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
पीले वस्त्र पहनें और तुलसी पत्र अर्पित करें।
हो सके तो गरीबों को अन्न, फल, गुड़, घी और तांबे के पात्र का दान करें।
अपने भीतर श्रद्धा और सेवा का भाव रखें, क्योंकि बिना भावना के दान निष्फल होता है।
अक्षय तृतीया न केवल एक तिथि है, बल्कि यह एक ऐसा दिव्य अवसर है जो हमारे जीवन को समृद्धि, शांति और सौभाग्य से भर सकता है। इस दिन सच्चे मन से किया गया दान, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो, अनंत गुणा फल देता है। आइए इस अक्षय तृतीया पर हम सभी जरूरतमंदों की सहायता कर पुण्य के भागी बनें और भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की अनंत कृपा प्राप्त करें।