रुद्रप्रयाग। केदारनाथ स्थित बाबा बर्फानी के आश्रम में इस सीजन का पहला ब्रह्मकमल खिला है। वह बीते कई सालों से राज्य पुष्प ब्रह्मकमल के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कार्य कर रहे हैं। उनकी वाटिका में करीब 25 ब्रह्मकमल पुष्प (राज्य पुष्प) के पौधे तैयार हैं। केदारनाथ धाम में राज्य पुष्प का खिलना प्रकृति के लिए भी शुभ संकेत है। हिमालय यूं तो सदियों से अपनी विभिन्न खूबियों के कारण हर व्यक्ति को प्रभावित करता रहा है। लेकिन ब्रह्मकमल खिलते ही हिमालय में और भी सुंदरता दिखने लगती है। ब्रह्मकमल एक ओर धार्मिक संस्कृति का प्रतीक है वहीं दूसरी ओर वनस्पति एवं औषधीय धरोहर भी है। हिमालय का प्रतिबिंब और बाबा केदार का प्रिय पुष्प हिमालय की दिव्यता एवं सुन्दरता बनाए रखने में अपने दिव्य गुणों से अहम योगदान देता रहता है। इसकी महिमा गुणवत्ता एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए बीते कई सालों से ललित महाराज (बाबा बर्फानी) अपने केदारनाथ आश्रम में प्राकृतिक संरक्षण की अभिनव पहल कर रहे हैं। एक ओर आपदा से वह निरंतर केदारनाथ धाम में साधनारत हैं। वहीं यहां रहते हुए राज्य पुष्प के संरक्षण का भी विशेष कार्य कर रहे हैं। क्लीन हिमालया ग्रीन हिमालया को ध्यान में रखते हुए प्रकृति के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास में जुटे ललित महाराज आश्रम में यात्रियों की सेवा के साथ ही ब्रह्मकमल को धाम में ही उगाने का कार्य कर रहे हैं। इन दिनों उनके आश्रम में वाटिका में पहला ब्रह्मकमल खिला है जिसे वे बाबा केदार को समर्पित करेंगे। ललित महाराज ने बताया कि वह केदारनाथ धाम में बीते कई वर्षो से प्राकृतिकता का संरक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि केदारनाथ के आश्रम में पहला ब्रह्मकमल खिल गया है। इसका दर्शन शुभ मंगल एवं कल्याणकारी है।
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