Hamarichoupal,05,04,2023
कई लोगों को गार्डनिंग करने का बड़ा शौक होता है। इससे घर और बगीचे की खूबसूरती में तो चार चांद लगते ही हैं, साथ ही यह आपके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। गार्डनिंग करने से आप एक तरह से प्रकृति से जुड़े रहते हैं। इससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं और तनाव मुक्त महसूस कर पाते हैं। आइए आज हम आपको गार्डनिंग करने से होने वाले 5 प्रमुख स्वास्थ्य लाभ बताते हैं।
तनाव कम करने में है मददगार
गार्डनिंग करने में आपका तनाव काफी हद तक कम हो सकता है। दरअसल, यह आपको रोजमर्रा के तनाव से दूर रहने और वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने पर मदद करता है। प्रकृति की सुंदरता और शांति से आपके दिमाग पर सकारात्मक और सुखदायक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इससे मनोदशा में सुधार करने में भी मदद मिलती है। शुरुआती लोग गार्डनिंग करने के लिए इन टिप्स को अपना सकते हैं।
सदमे से उभरने में है सहायक
ऐसे व्यक्ति जो सदमे में होते हैं या बहुत ज्यादा दुखी होते हैं और खुद को कमजोर तथा नियंत्रण से बाहर महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति से बाहर निकलने में गार्डनिंग काफी मददगार है। दरअसल, गार्डनिंग करने से व्यक्ति पूरी तरह से वर्तमान में मौजूद रहता है और ज्यादातर समय प्रकृति से जुड़ा हुआ रहता है। इससे उनके मन को शांति और आराम मिलता है। जिससे उन्हें सदमे से उभरने में मदद मिल सकती है।
दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियां भी करता है शामिल
गार्डनिंग में खुदाई, रोपण, निराई और पानी देने सहित कई शारीरिक काम शामिल होते हैं। इन अभ्यासों को करने के लिए शारीरिक प्रयास की आवश्यकता होती है। इस कारण गतिहीन जीवनशैली को ठीक करने के लिए दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करने का यह एक बढिय़ा तरीका है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकती है।
शरीर को मिलता है विटामिन- डी
गार्डनिंग से शरीर को अच्छी धूप और विटामिन- डी मिलता है। विटामिन- डी हड्डियों के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षात्मक कार्य और सामान्य स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसके अलावा विटामिन- डी कैल्शियम के अवशोषण में भी मदद करता है, जो स्वस्थ हड्डियों के निर्माण और देखभाल दोनों के लिए जरूरी है। इस कारण मजूबत रहने के लिए गार्डनिंग एक शानदार तरीका है। इसके अलावा आप गार्डनिंग के जरिए बेहतर ऑक्सीजन भी प्राप्त कर सकते हैं।
नींद की गुणवत्ता में करता है सुधार
बाहर समय बिताने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। दरअसल, प्राकृतिक रोशनी और ताजा हवा के संपर्क में आने से शरीर के सोने-जागने के चक्र को नियमित करने और बेहतद नींद को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा प्रकृति के बीच समय बिताने से तनाव कम करने में मदद मिलती है, जिससे रात को अच्छी नींद लेना आसान हो जाता है।