**रुद्रप्रयाग:** कर्नाटका के सेडम में आयोजित भारत गौरव पुरस्कार समारोह के दौरान उत्तराखंड के नामचीन पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली को उनकी अद्वितीय पर्यावरण पाठशाला के लिए ‘भारत गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार प्रसिद्ध कर्नाटकी पद्मश्री ज्योति माता मंजूम के हाथों प्रदान किया गया। समारोह में विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 100 हस्तियों को भी सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम सामाजिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले व्यक्तियों को मान्यता देने के लिए भारत सेवा संगम द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें हर दो वर्ष में भारतीय संस्कृति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में लगभग 30 लाख लोग शामिल होते हैं।
जगत सिंह जंगली, जो रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ पट्टी निवासी हैं, ने लंबे समय से पर्यावरण की पाठशाला संचालित की है और मिश्रित वन के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। चूंकि जंगली स्वास्थ की समस्या के कारण पुरस्कार ग्रहण नहीं कर सके, उनका यह सम्मान उनके पुत्र, पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र बद्री ने ग्रहण किया।
इस अवसर पर जगत सिंह जंगली ने एक संदेश भेजकर भारत सेवा संगम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मान के माध्यम से भारत सेवा सांस्कृतिक संगम दक्षिण भारत में उन व्यक्तियों को पहचानने का कार्य कर रही है, जो विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। देवराघवेन्द्र ने अपनी पहली दक्षिण भारत यात्रा के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां के लोग अपनी संस्कृति के प्रति गहरी निष्ठा के साथ जीवन यापन कर रहे हैं।
जगति सिंह जंगली को सम्मानित करने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने हर्ष व्यक्त किया। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिला प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, जिला प्रशासक अमरदेई शाह, भूगोलवेता प्रवीन रावत, गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी और अन्य ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
जगत सिंह जंगली द्वारा किए जा रहे मिश्रित वन के संरक्षण के कार्य को सभी ने सराहा और उनकी प्रयासों की प्रशंसा की।