अल्मोड़ा(आरएनएस)। बिना टेंडर के करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य आवंटित किए जाने को लेकर कांग्रेस का लोक निर्माण विभाग के खिलाफ शुरू हुआ अनिश्चितकालीन धरना आखिर रंग लाया। कांग्रेस के तीखे विरोध और धरने के दबाव में विभाग को झुकना पड़ा और उसने क्वारब बाईपास का निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया के तहत कराने का लिखित आश्वासन दे दिया। बुधवार पूर्वाह्न से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अल्मोड़ा बारामंडल विधायक मनोज तिवारी के नेतृत्व में लोनिवि प्रांतीय खंड कार्यालय परिसर में धरना शुरू किया था। दोपहर बाद इस धरने ने अनिश्चितकालीन रूप ले लिया और कार्यकर्ता तंबू गाड़कर रातभर वहीं डटे रहे। कांग्रेस का आरोप था कि लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड ने लगभग 10 करोड़ 23 लाख रुपये की लागत के कार्य निविदा प्रक्रिया के बगैर अपने चहेते ठेकेदारों को सौंप दिए, जिनमें बाहरी ठेकेदार भी शामिल हैं। विधायक का कहना था कि विभागीय अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर मनमानी करते हुए क्वारब बायपास मोटर मार्ग के कार्य के ठेके करीबी लोगों को सौंपे हैं, जिससे भारी भ्रष्टाचार की आशंका उत्पन्न हो गई है। धरने का नेतृत्व कर रहे विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि यदि नियमानुसार टेंडर जारी किए जाते, तो प्रतिस्पर्धा के कारण कार्य न्यूनतम दरों पर होते और शेष बजट से अन्य विकास कार्य भी पूरे किए जा सकते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय ठेकेदारों को जानबूझकर दरकिनार किया गया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र भोज ने कहा कि विभाग पहले से ही वर्षों पुराने भुगतान नहीं कर पा रहा है, ऐसे में करोड़ों के कार्यों का इस तरह मनमाने तरीके से वितरण गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने शासन से जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के तबादले की मांग भी की थी। धरने के दूसरे दिन गुरुवार अपराह्न लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हर्षित गुप्ता ने क्वारब बाईपास निर्माण के लिए वर्तमान में चल रहे कार्य को बंद करते हुए टेंडर प्रक्रिया जारी करने का पत्र सौंपा और आश्वस्त किया कि आगे सभी कार्य निविदा प्रक्रिया के तहत ही होंगे। जिसके बाद कांग्रेस ने धरना समाप्त किया। धरने में कांग्रेस नगर अध्यक्ष ताराचंद जोशी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष राधा बिष्ट, पूर्व जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे, पूरन सिंह रौतेला, निर्मल रावत, गीता मेहरा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।
क्वारब बाईपास के निर्माण को लेकर कांग्रेस पार्टी और ठेकेदार संघ के संयुक्त धरने के बीच लोक निर्माण विभाग (प्रांतीय खंड) ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि लगभग 10.23 करोड़ रुपये की लागत वाले इस कार्य के लिए किसी एक ठेकेदार का चयन नहीं किया गया है। प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता हर्षित गुप्ता ने बताया कि विधायक मनोज तिवारी की अध्यक्षता में चल रहे धरने में निविदा प्रक्रिया की मांग को लेकर विरोध दर्ज किया गया था। इस पर विभाग ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से कार्य की तात्कालिकता को देखते हुए कार्य को टुकड़ों में विभाजित करने की अनुमति 16 जून 2025 को प्राप्त हुई थी। इस अनुमति के आधार पर प्रारंभ किए गए कटिंग कार्य को फिलहाल रोक दिया गया है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि अब समस्त कार्यों को पूरी तरह निविदा प्रक्रिया के माध्यम से ही संपन्न किया जाएगा और शीघ्र ही निविदा आमंत्रित की जाएगी।