चम्पावत। कभी कांग्रेस का गढ़ रही अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर पिछले 33 साल में भाजपा का दबदबा रहा है। 90 के दशक के बाद सिर्फ एक बार यह संसदीय क्षेत्र कांग्रेस ने जीता।ओवरऑल बात करें तो कांग्रेस ने इस लोस सीट पर भाजपा से अधिक राज किया है। नौ बार कांग्रेस प्रत्याशी तो सात बार भाजपा इस संसदीय क्षेत्र से विजयी रही। अब तक यहां 17 संसदीय चुनाव हो चुके हैं। अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोस सीट पर पहली बार साल 1957 में चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस पार्टी के जंग बहादुर बिष्ट इस सीट से पहली बार सांसद बने।1971 तक हुए पांच चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस अजेय रही। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी से मुरली मनोहर जोशी यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद फिर कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया और हरीश रावत 1980 से 1991 तक लगातार तीन बार सांसद निर्वाचित हुए।लेकिन इसके बाद कांग्रेस इस सीट पर लगातार संघर्ष करती रही। 1991 में पहली बार भाजपा प्रत्याशी जीवन शर्मा यहां से सांसद चुने गए और फिर भाजपा का इस सीट पर दबदबा कायम रहा। 1996 से 2009 तक लगातार चार बार कद्दावर नेता बची सिंह रावत अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से सांसद रहे।
2009 में प्रदीप टम्टा ने कांग्रेस की वापसी कराई लेकिन इसके बाद 2014 और फिर 2019 का चुनाव भी भाजपा के प्रत्याशी अजय टम्टा जीते।
कौन किस चुनाव में रहा सांसद
सन् पार्टी सांसद का नाम
1957 कांग्रेस जंगबहादुर बष्टि
1960 कांग्रेस हर गोविंद पंत
1962-67 कांग्रेस जंग बहादुर बष्टि
1971 कांग्रेस नरेंद्र सिंह बष्टि
1977 जनतापार्टी मुरली मनोहर जोशी
1980-91 कांग्रेस हरीश रावत
1991 भाजपा जीवन शर्मा
1996-2004भाजपा बच्ची सिंह रावत
2009-14 कांग्रेस प्रदीप टम्टा
2014-2019 भाजपा अजय टम्टा
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