Thursday , November 21 2024

फिर परमाणु अस्त्रों की होड़?

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया में बढ़ते जा रहे तनाव के बीच यह ठोस आशंका पैदा हो गई है कि दुनिया को एक बार फिर परमाणु हथियारों की खतरनाक होड़ से गुजरना पड़ सकता है।
1980 के दशक के मध्य में मिखाइल गोर्बाचेव के सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनने के साथ दुनिया में कुछ अप्रत्याशित-सा हुआ था। तनाव भरे शीत युद्ध में अचानक ऐसा बदलाव शुरू हुआ, जिससे परमाणु एवं अन्य हथियारों की होड़ पर विराम लगा और एक समय तो निरस्त्रीकरण की उम्मीदें मजबूत होने लगी थीं। लेकिन अब वह सारा ट्रेंड पलटता नजर आ रहा है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया में बढ़ते जा रहे तनाव के बीच यह आशंका पैदा हो गई है कि दुनिया को एक बार फिर परमाणु हथियारों की खतरनाक होड़ से गुजरना पड़ सकता है। पिछले हफ्ते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दो टूक कहा कि तीन दशक अब रूस फिर से परमाणु परीक्षण कर सकता है। इसका अर्थ होगा कि रूस परीक्षण प्रतिबंध मौजूदा संधि को तोड़ देगा। 1996 में पूर्ण परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिका और रूस दोनों ने परीक्षण करने बंद कर दिए थे।
तब से दुनिया में दस परमाणु परीक्षण हुए हैं, लेकिन ये सभी उन देशों ने किए हैं, जिन्होंने बाद में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की। इस दौर में दो परीक्षण भारत ने किए। फिर पाकिस्तान ने भी दो परीक्षण किए। बाकी छह परीक्षण उत्तर कोरिया ने किए हैँ। उधर अमेरिका ने अपना आखिरी परमाणु परीक्षण 1992 में किया था। चीन और फ्रांस ने 1996 में अपने आखिरी परीक्षण किए थे। रूस ने 1990 के बाद से कोई परमाणु परीक्षण अब तक नहीं किया है। लेकिन अब अंदेशा यह है कि बड़ी परमाणु शक्तियां फिर से परमाणु परीक्षणों की होड़ में उतर सकती हैं। जाहिर है कि अगर रूस ने परीक्षण किए, तो जवाब में अमेरिका भी ऐसा करेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक परमाणु परीक्षण करने का मकसद सूचनाएं जुटाना और संकेत भेजना भी होता है। परीक्षणों के जरिये पता लगाया जा सकता है कि पुराने परमाणु हथियारों में कितना दम बचा है या नए हथियार कितने ताकतवर होंगे। इससे अधिक मारक हथियारों को बनाने का रास्ता खुलता है। यह निर्विवाद है कि यह एक खतरनाक दिशा है, जिसकी तरफ दुनिया बढ़ती दिख रही है।

About admin

Check Also

जिज्ञासा यूनिवर्सिटी में बहुविश्यक शोध को बढ़ावा देते सम्मेलन का समापन

शोध को प्रभावी बनाने हेतु बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिज्ञासा विश्वविद्यालय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *