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नई टिहरी : रोजगार से जुड़कर ही संस्कृत का संरक्षण संभव: धामी  

नई टिहरी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, संस्कृत का संरक्षण तभी हो सकता है जब उसको रोजगार से जोड़ा जाएगा। भाषा के मामले में अग्रेजी को प्रभुत्व ना दें। केंद्र की राज्य सरकार को यह बड़ी सौगात है जो देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गुरुवार को सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रीरघुनाथ कीर्ति परिसर में नवनिर्मित स्वामी करपात्री महाराज वेदशास्त्र अनुसंधान केंद्र का वर्चुअल लोकार्पण किया। सीएम मौसम की खराबी के चलते देवप्रयाग नहीं पहुंच पाये थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि, पंच प्रयागों में देवप्रयाग वह पुण्यभूमि है जहां से गंगा वास्तविक रूप ग्रहण करती है। भगवान रघुनाथ के नाम से स्थापित इस परिसर ने कम समय में ही बड़ा नाम किया है। शिक्षा के लिये पलायन रोकने में यह परिसर सफल हुआ है। केंद्र की राज्य सरकार को यह बड़ी सौगात है जो देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भाजपा सरकार ने संस्कृत को द्वितीय राज्यभाषा बनाया है। उन्होंने धर्मसम्राट करपात्री महाराज के नाम से केंद्र बनाये जाने पर कहा कि इससे परिसर का महत्व बढ़ेगा। धर्मरक्षा के लिए उनसे प्रेरणा ली जानी चाहिये। प्रधानमंत्री मोदी भी संस्कृत के प्रचार प्रसार के प्रति गम्भीर है। उत्तराखंड सरकार सदा परिसर के विकास में सहयोग करेगी। स्वामी करपात्री महाराज के शिष्य स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा आदिशंकराचार्य के अधूरे कार्यों को स्वामी जी द्वारा पूरा किये जाने का प्रयास किया गया था। भारतीय सभ्यता संस्कृति के सरक्षण में उनका योगदान सदा स्मरणीय रहेगा। इस मौके पर युवा चेतना के राष्ट्रीय सयोजक रोहित कुमार सिंह ने भी करपात्री महाराज को लेकर विचार रखे। उन्होंने कहा कि 1982 में ब्रह्मलीन होने के बाद मोदी सरकार ने स्वामी करपात्री को याद करते उन पर डाक टिकट जारी किया था। इस मौके पर नमामि गंगे की अर्थ गंगा योजना के तहत तीन सौ लीटर गंगा जल भी मुख्यमंत्री की ओर से जलशक्ति मंत्रालय को विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी व विधायक विनोद कंडारी ने जलशक्ति मंत्रालय को हरी झंडी देकर रवाना किया गया। कुलपति प्रो. श्रीनिवासन बरखेड़ी, निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रमण्यम ने मुख्यमंत्री सहित सभी का स्वागत किया। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष केके कोटियाल, प्रो. वनमाली विश्वाल, डीएम पौड़ी आशीष चौहान, एसएसपी श्वेता चौबे, एसडीएम अजयवीर सिंह व युक्ता मिश्रा सहित प्राध्यापक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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