HamariChoupal,20,04,2023
हरिद्वार। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए.) उत्तराखण्ड शासन द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार के सहयोग से आगामी चारधाम यात्रा 2023 की तैयारियों के दृष्टिगत् बृहस्पतिवार को एक साथ चारधाम यात्रा वाले जनपदों- चमोली, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी में प्राकृतिक अथवा मानवजनित घटना होने की स्थिति में पर्यटकों/तीर्थयात्रियों को किस प्रकार से आपदा प्रबन्धन के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा सकती है, के सम्बन्ध में प्रत्येक जनपद की परिस्थितियों के अनुसार राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसकी मॉनिटरिंग देहरादून से की जा रही थी।
जनपद हरिद्वार में जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम विशेषज्ञ के नेतृत्व में, अचानक बारिश होने के कारण गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने की वजह से, विष्णुघाट, सर्वानन्द घाट-एनएच ब्रिज का क्षतिग्रस्त होने तथा दुधियाबन्ध(ठोकर नम्बर-1) में बाढ़ की स्थिति पैदा होने की सूचना पर वृहद स्तर पर मॉक ड्रिल किया गया।
मॉक ड्रिल के अन्तर्गत मौसम विभाग ने पूर्व में भारी वर्षा होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ व जल भराव की स्थिति पैदा होने की चेतावनी दी गयी थी, जिससे जिला प्रशासन तथा पूरे सिस्टम को एलर्ट मोड में रखा गया था। मॉक ड्रिल के अन्तर्गत आज अचानक भारी वर्षा होने से आपदा प्रबन्धन कण्ट्रोल रूम को प्रातः 09 बजकर 35 मिनट पर सूचना मिली कि गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण विष्णुघाट, सर्वानन्द घाट, एनएच ब्रिज के पास तथा दुधियाबन्ध(ठोकर नम्बर-1) में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। इस सूचना को तुरन्त आपदा प्रबन्धन विभाग ने जिलाधिकारी/रिस्पांश अधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, प्लान सेक्सन, ई0ओ0सी0 कमाण्ड, एन0डी0आर0एफ0, एनएसएस स्वयं सेवक, आपदा मित्रों को देने के साथ ही वायरलेस के माध्यम से सभी जगह प्रसारित कराया तथा देखते-देखते सीसीआर आदि से प्रसारित हुटर की आवाज चारों तरफ गूंजने लगी एवं सड़कों पर प्रचार वाहन के माध्यम से प्रसारित किया जाने लगा कि विष्णुघाट, सर्वानन्द घाट- एनएच ब्रिज के आसपास तथा दुधियाबन्ध में बाढ़ की स्थिति पैदा गयी है तथा सभी क्षेत्रवासियों से अपील है कि वे बिना घबड़ाये सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जायें।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह तथा सम्बन्धित अधिकारी सूचना प्राप्त होते ही तुरन्त आपदा प्रबन्धन कार्यालय में बनाये गये ऑन लाइन कांफ्रेंस रूम में पहुंचे तथा आपदा की स्थिति से निपटने के लिये तुरन्त आपात बैठक बुलाई तथा आईआरएस सिस्टम को सक्रिय किया गया, जिलाधिकारी ने सम्बन्धित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों को ऑन लाइन जोड़ने के निर्देश दिये, देखते-देखते सभी घटना स्थल ऑन जुड़ गये, जिससे उन्होंने पूरे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के घटना स्थलों की पूरी जानकारी ली। इसकी सूचना आपदा कण्ट्रोल रूम द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र देहरादून को भी दी गयी।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय को अधिकारियों ने बताया कि गंगा का जल स्तर खतरे के निशान 294 मी0 से ऊपर है। इस पर जिलाधिकारी ने बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुये तुरन्त भीमगौड़ा बैराज को, जल स्तर को नियंत्रित करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी को थोड़ी-थोड़ी देर में अधिकारी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से कितनी जनहानि हुई, कितनी पशु हानि हुई, कितने घायल हुये हैं तथा कितने लापता होने की संभावना है, के सम्बन्ध में लगातार जानकारी दे रहे थे। जिलाधिकारी ने तुरन्त निर्देश दिये कि जल पुलिस, हैवी वोट को तुरन्त भेजा जाय, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को तैनात करें, क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजी जाये तथा फंसे हुये लोगों व मवेशियों को निकालने की तुरन्त कार्रवाई की जाये।
विनय शंकर पाण्डेय ने थोड़े अन्तराल के बाद ऑन द स्पॉट(विष्णुघाट, सर्वानन्द घाट तथा दुधियाबन्ध) अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जो व्यक्ति लापता थे, उनको खोज लिया गया है, जे0सी0बी0 व मेडिकल टीम तथा एनडीआरएफ सहित सभी सम्बन्धित ने घटना स्थलों पर पहुंचकर बचाव कार्य प्रारम्भ कर दिये हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जो लोग बाढ़ से प्रभावित हुये हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाये तथा उनके लिये भोजन के पैकेट तथा पानी आदि की पूरी व्यवस्था की जाये। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि लक्सर क्षेत्र के निवासियों को बाढ़ की सूचना से अलर्ट कर दिया गया है तथा कण्ट्रोल रूम से पूरी परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है।
विनय शंकर पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिये बाढ़ से कितनी जनहानि तथा कितनी पशुहानि हुई है, का एक विस्तृत विवरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इतने में अधिकारियों ने जानकारी दी कि गंगा का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने की ओर है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस नजर बनाये रखें। बाद में अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ की इस घटना में 10 लोगों ने अपनी जान गवाई, 35 घायल व 100 लापता हुये तथा इसी तरह पशुओं में 25 की मृत्यु, 18 घायल तथा 16 लापता हुये थे, घटना में घायलों का आवश्यकता के अनुसार उपचार किया गया। घायलों में दो- एक पुरूष तथा एक महिला, जो गंभीर रूप से घायल थे, जिन्हें जिलाधिकारी द्वारा राज्य आपदा प्रबन्धन केन्द्र से एम्स ऋषिकेश पहुंचाने के लिये हेलीकाप्टर की मांग की थी, तुरन्त थोड़ी देर में हेलीकाप्टर भल्ला मैदान पहुंच गया, जहां से इन दो गंभीर घायलों को हेलीकाप्टर से ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया। इसी तरह घायल पशुओं का भी घटना स्थल पर तथा सम्बन्धित पशु अस्पताल में इलाज किया गया। अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि जितने भी लोग तथा पशु लापता थे, उनकी खोजबीन कर ली गयी है तथा जिन लोगों तथा मवेशियों की इस घटना में मृत्य हुई है, उनको मुआवजा देने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय निरन्तर घटना स्थल पर कड़ी नजर रखे हुये थे तथा जहां पर जिस तरह की आवश्यकतायें ऑन द स्पॉट महसूस की जा रहीं थी, उनकी तुरन्त व्यवस्था की जा रही थी।
मॉक ड्रिल के पश्चात डी0 ब्रीफिंग की गयी, जिसमें मॉक ड्रिल के बाद सभी ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। देहरादून से मॉनिटरिंग कर रही अधिकारियों की टीम, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम विशेषज्ञ आदि ने मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन के अधिकारियों, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस, पीएसी, आपदा मित्र, स्वैच्छिक संगठनों स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट साइट, रिलीफ सेण्टर आदि को मॉक ड्रिल में प्रभावी रिस्पांश देने के लिये बधाई दी तथा सभी का उत्साहवर्द्धन किया तथा सफल चारधाम यात्रा के लिये शुभकामनायें दी।
मॉक ड्रिल के मौके पर अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, सहायक परियोजना निदेशक सु नलिनीत घिल्डियाल, जिला पूति अधिकारी मुकेश कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 यागेश शर्मा, आपदा प्रबन्धन अधिकारी सु मीरा रावत, एनडीआरएफ के आब्जर्वर सुधांशु जोशी एवं धीरेन्द्र रावत, सेना के आब्जर्वर, पुलिस, पीएसी, पीएसी की फ्लड कम्पनी, सीआईएसएफ, अग्निशमन टीम, पीएसी की दो कम्पनियां यातायात तथा क्राउण्ड मैनेजमेंट के लिये, एनएसएस, स्वयं सेवक, आपदा मित्र सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे।