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खूबसूरती के चक्कर में कहीं पड़ न जाए लेने के देने, जानें आपको कैसे बीमार बना सकती है नेल पॉलिश

कलरफुल नेल पॉलिश हर लडक़ी की पहली चाहत मानी जाती है. अपने नाखूनों को खूबसूरत बनाने के लिए वे नेल पॉलिश लगाती हैं. लेकिन शायद वे इस बात से अनजान हैं कि इसमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल बेहद खतरनाक होते हैं और उन्हें बीमार बना सकते हैं. दरअसल, पूरी बॉडी में एंडोक्राइन ग्लैंड्स होते हैं, जो हार्मोन का उत्पादन करते हैं. एंडोक्राइन ग्लैंड्स के हार्मोन से ही हमारा शरीर स्वस्थ रहता है. इसी से बनने वाला एंडोक्राइन डिसरप्टर एक तरह का केमिकल है, जो डेली लाइफ में यूज होने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स, फ़ूड और ड्रिंक पैकेजिंग, खिलौने, कालीन और कीटनाशक में इस्तेमाल होता है. कुछ केमिकल फ्लेम रिटारडेंट की तरह भी काम करते हैं जो एंडोक्राइन-डिसरप्टर भी हो सकते हैं. जब ये हवा, पानी, आहार और त्वचा के संपर्क में आते हैं तो इन्हें पूरी तरह हटाया नहीं जा सकता और ये नुकसानदायक बन जाते हैं.
क्या होते हैं एंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल
एंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल प्राकृतिक या मानव निर्मित दोनों तरह के हो सकते हैं. ये हमारी बॉडी के हार्मोन की नकल कर उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं. ये हॉर्मोन के साथ इंटरफेयर कर सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं.
एंडोक्राइन डिसरप्टर का कारण बन सकते हैं ये केमिकल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरी दुनिया में करीब 85,000 केमिकल ऐसे हैं, जिन्हें इंसानों ने बनाया है. इनमें से 1,000 से ज्यादा अपने गुणों के कारण एंडोक्राइन डिसरप्टर हो सकते हैं. इनमें कुछ एट्राजिन जो दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले हर्बिसाइड में से एक है. इसके अलावा बिस्फेनॉल ए, डाइऑक्सिन, परक्लोरेट, फथलेट्स भी शामिल है. फथलेट्स फ्लूइड प्लास्टिसाइजर के तौर पर उपयोग किया जाता है. यह कुछ फ़ूड पैकेजिंग, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, सुगंध वाले प्रोडक्ट, बच्चों के खिलौने और मेडिकल इक्विपमेंट में पाए जाते हैं. खासकर नेल पॉलिश, हेयर स्प्रे, आफ्टरशेव लोशन, क्लींजर और शैम्पू में ज्यादा मिलते हैं. इनके अलावा फाइटोएस्ट्रोजेन, पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स भी खतरनाक केमिकल हैं.
एंडोक्राइन डिसरप्टर से कैसे बच सकते हैं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक,एंडोक्राइन डिसरप्टर केमिकल अगर बहुत कम मात्रा में है तो भी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हो सकता है. शरीर की सामान्य एंडोक्राइन सिस्टम में हार्मोन लेवल में छोटे-छोटे परिवर्तन होते हैं. ये छोटे परिवर्तन ही कई तरह की बायोलोजिकल इफेक्ट्स छोड़ सकते हैं. जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इनसे बचना है तो केमिकल के संपर्क में आने के बाद हाथ को अच्छी तरह धोएं. केमिकल के सुगंध से भी दूरी बनाएं. धूल और वैक्यूम से भी बचें. प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचें. प्रोसेस्ड फ़ूड से परहेज करें और पानी को फिल्टर कर पीने की कोशिश करें. इतना ही नहीं बच्चों को अपने ब्यूटी प्रोड्क्टस से दूर रखें.

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