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अल्मोड़ा : फिल्म आदिपुरूष ने सनातन धर्म की भावनाएं की आहत: बिट्टू कर्नाटक

 

अल्मोड़ा। रामलीला कमेटी कर्नाटक खोला के संस्थापक/ संयोजक पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने आदि पुरुष फिल्म में दिखाए गए पात्रों के खराब चित्रण, अभद्र संवाद से महाग्रंथ रामायण का मजाक उड़ाने और सनातन धर्म की धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने के विरोध में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। कर्नाटक द्वारा दी गयी तहरीर में उन्होंने कहा है कि आदिपुरूष फिल्म को अपने संवादों के साथ साथ महत्वपूर्ण पात्रों के खराब चित्रण, अभद्र संवाद, भ्रमित करने वाली कहानी के माध्यम से रामायण का मजाक उड़ाने के कारण सनातन धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण महाकाव्य आम जनमानस से जुड़ा हुआ है जिसे हम बहुत श्रद्धा पूर्वक देखते और पढ़ते हैं। फिल्म में पात्रों की वेश भूषा, चित्रण तथा संवाद, सीता माता को भारत की बेटी बताया जाना, रावण के किरदार की वेशभूषा के साथ संवाद सनातन धर्म की भावनाओं को आहत किया गया है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म ने सनातन धर्म के लोगों को अपमानित करने का काम किया है। आज से 35 साल पहले रामानंद सागर की रामायण को बचपन में हम लोग भी देखा करते थे। रामानंद सागर की रामायण से सनातन धर्म और इस्लाम धर्म के लोगों को सीख मिली। कर्नाटक ने कहा कि फिल्म से सनातन धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म में इस्तेमाल किए गए डॉयलाग्स आपत्तिजनक हैं। हिंदुस्तान में कुरान, रामायण, बाइबल को मानने वाले लोग हैं। फिल्म जगत से जुड़े लोग अपनी जेबें भरने के लिए हमारे ग्रन्थों का अपमानित करने का काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़, महापुरुषों व परमात्मा का सरलीकरण करना अक्षम्य अपराध है। धर्म की क्षेत्र मर्यादा चाहती है, शब्दों का चयन शत्रुओं के लिए भी मर्यादित ही होता है। मर्यादाविहीन पटकथा लेखक और निर्देशक ऐसे कभी स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। फिल्म के पात्रों का वस्त्र व उनका संवाद अत्यंत स्तरहीन है। जहाँ रामचरित मानस सदैव से धर्म व मर्यादा की शिक्षा देकर हमें आदर्श जीवन जीने हेतु प्रेरित करता है वहीं इस फिल्म में पौराणिक परंपरा व संस्कृति का मखौल उड़ाने के साथ ही अमर्यादित ढंग से भगवान राम, माता सीता, हनुमान जी सहित अन्य पात्रों का चरित्र चित्रण किया गया है। सिनेमा के जरिये सनातन धर्म एवं संस्कृति पर गहरा आघात पहुंचाने का प्रयास निरंतर जारी है वह किसी भी प्रकार से सहनीय नही है।  कर्नाटक के द्वारा उक्त धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले फिल्म निर्माता से लेकर कलाकार, कहानी, संवाद लेखक तथा फिल्म सेंसर बोर्ड के जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की गयी है। इस अवसर पर बिट्टू कर्नाटक के साथ देवेन्द्र कर्नाटक, रोहित शैली, राकेश बिष्ट, रमेश मेलकानी, गौरव अवस्थी, हिमांशु कनवाल, अभिषेक बनौला, सचिन कुमार, पूर्व कांग्रेस जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक, दीपांशु पाण्डेय सहित अनेकों लोग शामिल रहे। इसके साथ ही कर्नाटक न्यायालय में फिल्म के खिलाफ वाद भी दायर कराएंगे।

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