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विश्व रंगमंच दिवस पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन।

देहरादून,26,06,2023

बिपिन नौटियाल। थिएटर की प्रति जागरूकता के लिए होता है आयोजन। थिएटर काफी समय से लोगों के मनोरंजन के प्रमुख साधनों में से एक रहा है। यह न केवल मनोरंजक होता है, बल्कि यह व्यक्ति को बहुत सारी जानकारी और ज्ञान भी देता है। हम लोग मनोरंजन के लिए कितने क्रेजी हैं मगर पहले सिनेमा नहीं होता था। मनोरंजन के लिए लोगों के पास थियेटर ही एकमात्र साधन होता था। और हमारे पूर्वजों के समय से आजतक ये थियेटर अपना दबदबा भी कायम किए हुए हैं। हर साल भांति इस वर्ष भी हम 27 मार्च को दुनिया भर में विश्व रंगमंच दिवस मना रहें हैं। जिससे थिएटर के महत्व के बारे में लोगों को पता चले और लोग इससे जुड़े भी विश्व रंगमंच दिवस की पूर्व संध्या पर दूनघाटी रंगमंच की और से विचार गोष्ठी ‘ का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड अन्य पिछला वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने शिरकत की। गोष्ठी की अध्यक्षता पत्रकार जनकल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष एमएम चौहान ने की। और अति विशिष्ट अतिथि ललित कुमार ढौंडियाल मौजूद रहे। मंच के संस्थापक अध्यक्ष नाट्य भूषण लक्ष्मीनारायण ने बताया की रंगमंच की महत्ता को दुनिया ने सराहा है रंगमंच का मतलब लोगों को रंगमंच की संस्कृति के विषय में बताना, रंगमंच के विचारों के महत्व को समझाना, रंगमंच संस्कृति के प्रति लोगों में दिलचस्पी पैदा करना, रंगमंच की स्मृति के उद्देश्य से विश्व भर में रंगमंच से सम्बंधित अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मुख्य वक्ता के रूप में मंच के निर्देशक बृजेश नारायण ने रंगमंच के प्राचीन इतिहास पर प्रकाश डालते हुए विस्तार से विचार रखे।
मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड अन्य पिछला वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कि लक्ष्मी नारायण 1957 से थियेटर कर रहे है और 82 साल के नारायण के अन्दर रंगमंच के प्रति उत्साह आज भी देखते ही बनता है। उन्होंने उम्र को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होनी दिया। नाट्य भूषण स्वयं में एक संस्था है जिनकी तीसरी पीढ़ी भी आज राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंच का परचम लहरा रही है लक्ष्मी नारायण के राष्ट्र के लगभग 14 राज्यों ने रंगमंच के संरक्षण व संवर्धन के लिए अनेकों उपाधियों व समानों से नवाजा गया है, जिसमें प्रमुख है उड़ीसा में “नाट्य भूषण सम्मान’ हिमाचल में नाटक बाज हरियाणा में निष्टा सम्मान उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में नाट्य श्री आगरा तथा पटना बिहार में मुखर्जी सम्मान, उड़ीसा में नाट्य दिल्ली भारत में अम्बेडकर सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है। लक्ष्मी नारायण जहां अभिनय व निर्देशन में महारथ हासिल है वहीं एक लेखक भी है जिनकी 18 नाट्य पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मैं जल्दी ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर इनके प्रोहात्साहन हेतु बात करूंगा। आयोजित विचार गोष्ठी में भारत बस यूनियन के महामंत्री प्रवीण डंडिरायाल, राम सिंह वालिया, आदेश, बृजेश नारायण, रितेश चौहान, धीरज भारती, शेखर, सुधीर व रंगकर्मी मौजूद रहे।

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