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आम के हरे पेड़ों की फिर दे दी बलि माफियाओं कहते हैं परमिशन है अधिकारी कहते हैं किसने दी

देहरादून

 

Hamarichoupal,02,03,2023

 

रिपोर्ट अनुराग गुप्ता

राजधानी में फलदार पेड़ों की बलि देने का सिलसिला लगातार जारी है। इस बार मामला शिमला बाईपास का है। यहां एक ठेकेदार ने आम के बगीचे में आरी चला दी वो भी वन विभाग की नाक के नीचे।

शिमला बाई पास स्थित एक आम के बगीचे में दिन दहाड़े हरे भरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है। यहां भूड़पुर चांदनी चौक स्थित एक जमीन पर खड़े बीस आम के पेड़ों पर दिन दहाड़े भूमाफिया ने आरी चलवा दी और इसकी भनक उद्यान विभाग के अधिकारियों को लगी ही नहीं। बताया जा रहा है कि इन पेड़ों को काटने के पीछे एक वन माफिया का हाथ है जो कि भू मािफयाओं के लिए काम करता है। ये एक संगठित गिरोह बनाकर काम करते हैं और इसके लिए बकायदा पूरी कार्ययोजना तैयार की जाती है।

इसको अंजाम लेने के लिए ऐसे दिन को चुना जाता है जबकि या तो सरकारी अवकाश होता है या फिर कोई बड़ा सरकारी कार्यकम। ऐसे ही इस बार इन माफियाओं ने मार्च की एक और दो तारीख को चुका जबकि राजभवन में पुष्‍प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है और जिला उद्यान विभाग के अधिकारी वहां व्‍यस्‍त हैंं ऐसे में यदि कोई शिकायत भी कर देगा तो अधिकारियों के पास इतना समय नहीं होगा कि ये तत्‍काल मौके पर पहुंच सकें और जब तक अधिकारी यहां पहुंचेगे तब तक सब कुछ खुर्द बुर्द हो गया होगा। बताया जा रहा है कि यह सब यहां सहारनपुर का एक वन माफिया ठेकेदार करता है। इस बार भी उसी ने इस बगीचे में पेडों पर आरियां चलाई और पुलिस को गुमराह करने के लिए फर्जी परमिशन भी दिखा दी। जबकि मुख्‍य उद्यान अधिकारी मीनाक्षी जोशी का कहना है कि उन्‍होंने कोई परमिशन नहीं दी। जिले में इस तरह की सभी परमिशन बंद हैं और आजकल तो वैसे ही आम के पेड़ों पर बौर आ रही है तो परमिशन का तो सवाल ही नहीं उठता है। बताते चलें कि देहरादून में माफिया लगातार बगीचों पर आरियां चला रहे हैं और विभागीय अधिकारी कोई भी ठोस कारर्वाई नहीं कर पाते हैं जिससें इन माफियाओं के हौसले लगातार बुलंद रहते हैं।

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