Hamarichoupal,22,07,2025
विकासनगर(हमारी चौपाल)जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश की राजनीति में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को “महाभ्रष्ट मंत्री” करार दिया और राजभवन की चुप्पी पर कड़ा ऐतराज़ जताया। उन्होंने कहा कि मंत्री पर लगे एक के बाद एक घोटालों के गंभीर आरोपों के बावजूद राज्यपाल की चुप्पी और निष्क्रियता ने राजभवन की संवैधानिक भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
*”राजभवन बना एशगाह, जनता की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं!”*
नेगी ने पत्रकार वार्ता में तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है मानो राजभवन अब जन सरोकारों से पूरी तरह विमुख होकर केवल राजसी वैभव का केंद्र बनकर रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा नगर निगम भूमि खरीद घोटाले, कृषि मित्र मेला घोटाला, तराई बीज विकास निगम की संपत्तियों की संदिग्ध नीलामी, जैविक खेती व बागवानी में अनियमितताएं, सैन्य धाम निर्माण में गड़बड़ियां, तथा विदेशी दौरों पर सरकारी धन की बर्बादी जैसे गंभीर आर्थिक अपराधों को अंजाम दिया गया है।
*सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति पर क्यों नहीं हो रही जांच?*
रघुनाथ सिंह नेगी ने दावा किया कि मंत्री गणेश जोशी एवं उनके परिजनों/गुर्गों के नाम पिछले 5–7 वर्षों में सैकड़ों करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति अर्जित की गई है, जो कि उनकी आय से स्पष्ट रूप से अधिक है। उन्होंने सवाल उठाया कि 15–20 साल पहले आर्थिक तंगी में जीवन बसर कर रहे मंत्री अचानक कैसे इतनी संपत्ति के मालिक बन बैठे? नेगी ने यह मांग की कि इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाए।
उद्यान निदेशक बवेजा को बचाने के आरोप
नेगी ने यह भी कहा कि मंत्री द्वारा घोटालेबाज़ उद्यान निदेशक बवेजा को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करवाई गई, जो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिशें उच्च स्तर पर हो रही हैं।
*हाईकोर्ट के नोटिस के बावजूद सरकार मौन क्यों?*
उन्होंने बताया कि हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गणेश जोशी को नोटिस जारी किया गया है, इसके बावजूद सरकार उन्हें संरक्षण देती नजर आ रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार को अब देर न करते हुए मंत्री को मंत्रिमंडल से तत्काल बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
देहरादून के आसपास की संपत्तियों की भी हो जांच
नेगी ने यह भी आरोप लगाया कि देहरादून व आसपास बने अनेक मॉल, अपार्टमेंट और व्यावसायिक परिसरों में मंत्री के परिजनों/गुर्गों के नाम पर धमकाकर संपत्तियां हड़पी गई हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
मोर्चा ने राजभवन को भेजी ‘लानत
वार्ता के अंत में रघुनाथ सिंह नेगी ने राजभवन की उदासीनता और गैर-जवाबदेही को लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए कहा कि यदि संवैधानिक संस्थाएं जनहित के प्रति मौनधारण करेंगी, तो प्रदेश को अंधकार की ओर धकेलने से कोई नहीं बचा सकता। उन्होंने कहा कि मोर्चा इस चुप्पी के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगा।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य भीम सिंह बिष्ट एवं अतुल हांडा भी मौजूद रहे।