नई टिहरी(आरएनएस)। लगातार हो रही भारी बारिश से क्षेत्र में जीवन अस्त व्यस्त हो गया। भागीरथी का जल स्तर यहां खतरे के निशान तक पहुंच गया। जबकि ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग 12 घंटे बंद रहने के बाद बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे तक खोला जा सका। बीती मंगलवार रात भारी बारिश से कौड़ियाला, मुल्यागांव, पंतगांव में भारी बोल्डर के साथ आये मलबे से राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। एनएच ने जेसीबी की मदद से काफी मशक्कत के बाद तीनों स्थानों से मलबे को हटाकर राजमार्ग पर बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे तक यातायात बहाल किया। थाना प्रभारी लखपत बुटोला ने बताया कि राजमार्ग खुलने से श्रीनगर व ऋषिकेश से निकले वाहन अपने गंतव्य की ओर बढ़ पाए। वहीं अखबार, दूध, सब्जी आदि की आपूर्ति भी इससे प्रभावित रही। जो कि दोपहर बाद ही सुचारु हो पाई। उधर भागीरथी का जल स्तर देवप्रयाग मे बुधवार सुबह सात बजे खतरे के निशान के तक 464.3 मीटर तक पहुंच गया। जबकि अलकनंदा व गंगा का जल स्तर भी 464.6 मीटर चेतावनी स्तर को पार कर गया। इससे संगम, रामकुंड, फुलाड़ी आदि घाट डूब गए। जबकि अलकनंदा टोडेश्वेर टापू को पार कर गयी। तीनो नदियों में बढ़ते जल स्तर से यहां हड़कंप की स्थिति बनी है। जबकि नगर की धर्मपुर बस्ती का मार्ग धंसने से कई घरों पर खतरा भी मंडराने लगा है। दूसरी ओर पुलिस व प्रशासन ने ऐतिहातन बीती देर शाम से देवप्रयाग में स्नानों घाटों को खाली करवाने का काम शुरू कर दिया था। जो कि बुधवार को भी जारी रहा। स्नान घाटों पर न जाने की सख्त चेतावनी पुलिस ने दी है।
अब खतरे के निशान तक पहुंचा देवप्रयाग में नदियों का जलस्तर
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