आज मनाई जा रही कालभैरव जयंती पर बाबा कालभैरव को गुड़, तिल, रोटी, मसूर दाल और सरसों तेल का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है. ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी के अनुसार, इन भोगों से शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा और भय समाप्त होते हैं. सरसों तेल का दीपक जलाने और कुत्ते को रोटी खिलाने से बाबा की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है.
काल भैरव जयंती 2025 भोग
आज 12 नवंबर को पूरे देश में कालभैरव जयंती मनाई जा रही है. यह दिन भगवान शिव के भयंकर रूप काल भैरव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसे कालाष्टमी भी कहा जाता है क्योंकि यह अष्टमी तिथि के दिन आती है. पौराणिक मान्यता है कि जब ब्रह्मा जी के अहंकार को नष्ट करने का समय आया, तब भगवान शिव ने काल भैरव का रूप धारण किया था. इसी कारण कालभैरव को समय का स्वामी और न्याय का संरक्षक कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि जो भक्त इस दिन सच्चे मन से बाबा कालभैरव की पूजा करते हैं, उन्हें भय, शत्रु बाधा, बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. कालभैरव की आराधना से जीवन में अनुशासन, शक्ति और समृद्धि आती है. आज के दिन भक्त विशेष पूजा करते हैं और बाबा को तरह-तरह के भोग लगाते हैं ताकि उनकी कृपा जीवनभर बनी रहे. ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी के अनुसार, कालभैरव जयंती पर कुछ खास भोग अर्पित करने से जीवन में शुभता, सुरक्षा और सफलता बढ़ती है. आइए जानते हैं कि आज बाबा को क्या अर्पित करना सबसे शुभ माना गया है .
1. गुड़ और काले तिल का भोग काल भैरव को गुड़ और काले तिल का भोग बेहद प्रिय है. काले तिल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं, जबकि गुड़ सौभाग्य और मिठास का प्रतीक है. पूजा के दौरान इन दोनों को मिलाकर अर्पित करने से बाबा सभी तरह की बाधाओं से रक्षा करते हैं और जीवन में सुख-शांति लाते हैं.
2. गुड़ की रोटी का भोग गुड़ की रोटी कालभैरव जयंती का एक मुख्य प्रसाद है. खासतौर पर सरसों के तेल में बनी मीठी रोटी चढ़ाने से बाबा प्रसन्न होते हैं. भोग के बाद यह रोटी किसी कुत्ते को खिलाना बहुत शुभ माना गया है क्योंकि कुत्ता बाबा का वाहन है. इससे घर की हर तरह की बाधाएं और रोग दूर होते हैं.