देहरादून,09,11,2025
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को देहरादून पहुंचकर देवभूमि की जनता को बधाई दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 8140 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तराखंड की 25 वर्ष की विकास यात्रा को “नया निर्णायक युग” बताते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में उभर सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर सिर्फ कैलेंडर की तारीख नहीं बल्कि लंबा संघर्ष, तपस्या और बलिदान का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलनकारियों के सपनों को आज साकार होते देखना गर्व का विषय है। पीएम ने शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि इस राज्य के उत्थान के लिए संघर्ष करने वाले हर व्यक्ति का योगदान अविस्मरणीय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 वर्ष पहले राज्य संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। राज्य का बजट केवल 4,000 करोड़ रुपये था, आज यह 1 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है। इस दौरान बिजली उत्पादन चार गुना और सड़क नेटवर्क दोगुना हुआ है। छह महीने में 4,000 एयर पैसेंजर से विकसित होकर आज रोज 4,000 से अधिक यात्री उत्तराखंड हवाई मार्ग से यात्रा कर रहे हैं — यह बदलाव समावेशी विकास का प्रमाण है।
मोदी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय छलांग लगाई है। पहले जहाँ एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं आज संख्या दस है। इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या भी कई गुना बढ़ चुकी है। टीकाकरण कवरेज जहां कभी 25 प्रतिशत से कम था, अब लगभग हर गांव कवरेज में आ चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को अगले 25 वर्षों के अपने लक्ष्यों को आज ही तय कर लेना चाहिए। उन्होंने युवाओं की आकांक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा — “2047 में जब भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में प्रवेश करेगा, तब तक मेरी देवभूमि पूर्ण विकसित स्वरूप में होगी।”
मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में 2 लाख करोड़ से अधिक की विभिन्न कनेक्टिविटी परियोजनाएं प्रगति पर हैं। ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे, गौरीकुंड–केदारनाथ रोपवे, गोविंदघाट–हेमकुंड साहिब रोपवे जैसे प्रोजेक्ट उत्तराखंड के विकास की गति को नई ऊँचाई देंगे।
उन्होंने जमरानी और सोंग बांध परियोजनाओं को देहरादून व हल्द्वानी की पानी की समस्या के समाधान का बड़ा आधार बताते हुए कहा कि इन योजनाओं पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश राज्य को लाभान्वित करेगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सेब व कीवी किसानों को डिजिटल मुद्रा में सब्सिडी देने की पहल का स्वागत किया और कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी पारदर्शिता और ट्रैकिंग की क्षमता को बहुत बढ़ाती है। प्रधानमंत्री ने राज्य के पर्वतीय सांस्कृतिक मेलों, परंपराओं और आस्थाओं का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हरेला, फूलदेई, भिटौली, नंदादेवी, जौलजीवी, उत्तरायणी, देवीधुरा, श्रावणी जैसे स्थानीय उत्सवों के माध्यम से उत्तराखंड की पहचान को वैश्विक पटल पर स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने ‘एक जिला–एक महोत्सव’ अभियान की जरूरत बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ी जिलों में फल उत्पादन और हर्बल सेक्टर को अगले स्तर पर ले जाया जा सकता है। ब्लूबेरी, कीवी, सुगंधित पौधे और औषधीय फसलों को खेती का भविष्य बताते हुए उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, हस्तशिल्प व ऑर्गेनिक उत्पादों में एमएसएमई बड़ी भूमिका निभाएंगे। श्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड अब फिल्म और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से उभर रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में 5 से 7 विशेष लोकेशन विकसित की जा सकती हैं। शीतकालीन पर्यटन, साहसिक पर्यटन और इको–टूरिज्म को नए अवसर बताते हुए उन्होंने कहा कि आदि कैलाश यात्रा, केदारनाथ यात्रा का रिकॉर्ड बढ़ना उत्तराखंड की क्षमता को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा नियंत्रण कानून और अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई को देश हित का साहसिक निर्णय बताया और मुख्यमंत्री धामी सरकार की सराहना की।
अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार उत्तराखंड के साथ मजबूती से खड़ी है और आने वाले वर्षों में राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहयोग करती रहेगी। उन्होंने प्रत्येक परिवार के उज्ज्वल भविष्य, सुख और समृद्धि की कामना की।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।