पौड़ी गढ़वाल ( हमारी चौपाल) जनपद पौड़ी गढ़वाल में आज कारगिल विजय दिवस को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में धूमधाम से मनाया गया। कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर, जनपद मुख्यालय के शहीद स्मारक, एजेंसी चौक, पौड़ी में एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी, नगर पालिका अध्यक्ष, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को पुष्प चक्र और श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम से पहले, छात्र-छात्राओं ने एजेंसी चौक से कलेक्ट्रेट तक प्रभात फेरी निकाली, जिसमें देश भक्ति का संदेश दिया गया।
प्रेक्षागृह में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान, विधायक राजकुमार पोरी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1999 में मई से जुलाई के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल जनपद में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों और भारतीय सेना के बीच भीषण युद्ध हुआ था। उन्होंने भारतीय सेना के अभूतपूर्व शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना ने अत्यंत विकट भौगोलिक परिस्थितियों में भी पाकिस्तानी घुसपैठियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें खदेड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाने के लिए भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” नामक एक रणनीति बनाई थी।
‘शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति की अमर गाथा’: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 वीर सैनिकों ने अपने प्राण न्योछावर किए, जिनमें अकेले पौड़ी जिले के 17 वीर सपूत शामिल हैं। उन्होंने इसे पौड़ी के लिए गर्व का विषय बताया। जिलाधिकारी ने भावुक होते हुए कहा, “शहीदों ने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान बलिदान किया। हमारा दायित्व है कि हम सदैव उनके परिजनों के साथ खड़े रहें और सैनिकों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास करें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि कारगिल विजय दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि शौर्य, बलिदान और देशभक्ति की अमर गाथा है, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
सैनिक कल्याण अधिकारी करन सिंह रावत ने कारगिल युद्ध के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था, जिसमें कई भारतीय सैनिकों ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि यह युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को भारतीय सेना की जीत के साथ समाप्त हुआ। तब से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि युद्ध में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानों और देश के लिए उनकी कुर्बानी को याद किया जा सके।
शहीदों के परिजनों और युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान, अतिथियों द्वारा शहीद नायक मंगत सिंह के पुत्र नीरज भंडारी और वीर चक्र राइफल मैन कुलदीप सिंह के भाई विजय रावत को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, कारगिल युद्ध में शामिल रहे सेवानिवृत्त ऑनररी कैप्टन दिनेश पटवाल, गोविन्द सिंह बिष्ट, सूबेदार प्रेम सिंह, मनमोहन सिंह रावत, नायब सूबेदार वकुल रावत, हवलदार मोहन सिंह, मनबर सिंह, भुवन चंद्र बड़थ्वाल और नायक गिरीश चंद्र कठैत जैसे वीर पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में राजकीय इंटर कॉलेज क्यार्क के लोकेंद्र ने प्रथम, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज पेडुल ने द्वितीय और राजकीय इंटर कॉलेज पौड़ी के कार्तिक कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं, निबंध प्रतियोगिता में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज पौड़ी की ऐश्वर्या नौटियाल ने प्रथम, राजकीय इंटर कॉलेज पौड़ी के ऋषभ ने द्वितीय और राजकीय कन्या इंटर कॉलेज पेडुल की प्राची रावत ने तृतीय स्थान हासिल किया।
इस कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष हिमानी नेगी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट, सीओ त्रिवेंद्र सिंह राणा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक रणजीत सिंह नेगी, ईओ नगर पालिका शांति प्रसाद जोशी, सहायक अधिकारी सैनिक कल्याण सत्यपाल सिंह रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन अद्वैत बहुगुणा ने किया।
पौड़ी में कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया याद, जिलाधिकारी बोले- ‘शहीद हमारे प्रेरणास्रोत’
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