नैनीताल,10,11,2025
नैनीताल। आगामी क्रिसमस, नववर्ष आगमन और शीतकालीन अवकाश के दौरान नैनीताल में बढ़ने वाले पर्यटक प्रवाह को ध्यान में रखते हुए, पुलिस महानिरीक्षक, कुमायूँ परिक्षेत्र रिद्धिम अग्रवाल (IPS) की अध्यक्षता में आज एक महत्वपूर्ण यातायात समन्वय गोष्ठी का आयोजन किया गया। आईजी अग्रवाल ने नैनीताल के ट्रैफिक को ‘स्मार्ट’ और ‘संवेदनशील पुलिसिंग’ की दिशा में ले जाने के लिए कई ठोस निर्देश जारी किए, जिसका उद्देश्य पर्यटकों के लिए सुगम और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करना है।
बैठक में एसएसपी नैनीताल मंजूनाथ टी.सी. सहित कई क्षेत्राधिकारी, यातायात निरीक्षक और टैक्सी यूनियन के पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
प्रमुख एजेंडा: विकास नहीं, विश्वास
आईजी अग्रवाल ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि, “नैनीताल आने वाले हर पर्यटक का अनुभव हमारी कार्यकुशलता और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। हमें केवल नियंत्रण नहीं, बल्कि सुविधा प्रदान करनी है।”
ये हैं सुगम यातायात के लिए मुख्य निर्देश:
* पार्किंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना: मल्लीताल, तल्लीताल और मॉल रोड जैसे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों के लिए नगर पालिका और पर्यटन विभाग के समन्वय से वैकल्पिक/अस्थायी पार्किंग स्थलों की पहचान की जाएगी। बाहरी वाहनों के लिए शहर के एंट्री प्वाइंट पर ही सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि अनावश्यक जाम से बचा जा सके।
* टैक्सी प्रबंधन: टैक्सी स्टैण्डों पर लाइनिंग सिस्टम और रोटेशन प्रणाली लागू की जाएगी। टैक्सी यूनियन के सहयोग से अनधिकृत वाहनों को स्टैण्ड पर खड़ा होने से रोका जाएगा, जिससे यातायात प्रवाह नियंत्रित रहे।
* दोपहिया टैक्सी सत्यापन: दोपहिया टैक्सी (स्कूटी टैक्सी आदि) का कठोर सत्यापन किया जाएगा। केवल वैध दस्तावेजों वाले, सत्यापित वाहनों को ही संचालन की अनुमति होगी।
* संयुक्त अभियान: अगले 15 दिनों में सिविल और यातायात पुलिस द्वारा टैक्सी, मैक्सी, और अन्य सार्वजनिक वाहनों का संयुक्त सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। वाहनों की तकनीकी स्थिति, स्वच्छता और किराया मीटर समेत सभी वाणिज्यिक मानकों की जांच की जाएगी।
* कलर कोडिंग: जाम रहित यातायात के लिए टैक्सी रूटों को ‘कलर कोडिंग सिस्टम’ से चिह्नित किया जाएगा, जिससे यात्री और पुलिस दोनों को रूट की जानकारी पहले से रहेगी।
* तकनीकी उपयोग: एएनपीआर (ANPR) कैमरा प्रणाली की प्रगति की समीक्षा की गई। इस प्रणाली को शीघ्र ही ट्रैफिक कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा, जो संदिग्ध वाहनों की पहचान और वास्तविक समय की मॉनिटरिंग में सहायक होगी।
* सूचना प्रसारण: पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन स्थलों पर आकर्षक बैनर, QR कोड और पी.ए. सिस्टम के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देशों का प्रसारण सुनिश्चित किया जाएगा। सोशल मीडिया के जरिए भी यातायात रूटों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा।
* पड़ोसी जनपदों से समन्वय: ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा के अधिकारियों के साथ संयुक्त गोष्ठी आयोजित कर नैनीताल की ओर आने वाले ट्रैफिक के लिए दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे, ताकि प्रवेश बिंदु पर ही यातायात संतुलित रहे।
आईजी अग्रवाल ने कहा कि इन व्यवस्थाओं का आकलन करने के बाद प्राप्त सकारात्मक परिणामों के आधार पर इसी मॉडल को कैंची धाम यातायात व्यवस्था में भी लागू किया जाएगा।
बैठक के समापन पर आईजी ने जोर दिया कि पुलिस का दायित्व केवल नियंत्रण नहीं, बल्कि सुविधा देना है, ताकि पर्यटक आत्मविश्वास से घूम सकें और स्थानीय लोगों को भी राहत का अनुभव हो।