कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट और गोलीबारी
नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में 14 अगस्त 2025 को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान मारपीट, धक्का-मुक्की और बेतालघाट में गोलीबारी की घटना ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण और मारपीट का दावा शामिल है। हंगामे के चलते नैनीताल हाईकोर्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को रद्द कर 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।
क्या हुआ नैनीताल में?
14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत मुख्यालय के बाहर सुबह 10 बजे मतदान शुरू होने से पहले ही माहौल बिगड़ गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने पुलिस की मौजूदगी में उनके छह जिला पंचायत सदस्यों को जबरन उठा लिया। कांग्रेस नेताओं, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृदयेश, और पूर्व विधायक संजीव आर्य शामिल थे, ने दावा किया कि उनके साथ भी मारपीट की गई। कांग्रेस की महिला प्रत्याशी पुष्पा नेगी के साथ भी बदसलूकी और थप्पड़ मारने के आरोप लगे।
वहीं, भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए तल्लीताल थाने में तहरीर दी। उन्होंने यशपाल आर्य, सुमित हृदयेश, भुवन कापड़ी और संजीव आर्य सहित अन्य कांग्रेस नेताओं पर मारपीट और चार जिला पंचायत सदस्यों को गायब करने का आरोप लगाया।
बेतालघाट में गोलीबारी, एक युवक घायल
बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान स्थिति और बिगड़ गई जब एक व्यक्ति ने पांच राउंड फायरिंग की, जिसमें एक युवक के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया। इस घटना ने भगदड़ मचा दी और समर्थकों ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए धरना शुरू कर दिया।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
हंगामे और अपहरण के आरोपों के बीच कांग्रेस ने मामले को नैनीताल हाईकोर्ट में उठाया। कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लेते हुए पुलिस को लापता जिला पंचायत सदस्यों को खोजने का आदेश दिया। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह और एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जुड़े। कांग्रेस का दावा है कि उनके चार सदस्य अब भी लापता हैं। कोर्ट ने अंततः जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।
दोनों पार्टियों के आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस का दावा: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने बंदूक की नोक पर उनके नौ जिला पंचायत सदस्यों को अगवा किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने डीजीपी से फोन पर बात की और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे “नैनीताल के सम्मानजनक इतिहास पर धब्बा” करार देते हुए गुंडागर्दी का खुला प्रदर्शन बताया।
भाजपा का जवाब: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि नैनीताल में शांतिपूर्ण मतदान चल रहा था, लेकिन कांग्रेस के “गुंडों” ने गिरोह बनाकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की। उन्होंने सवाल उठाया कि 15 निर्वाचित सदस्यों के सर्टिफिकेट कांग्रेस के पास कैसे पहुंचे, जो सदस्यों के पास होने चाहिए।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने इसे “लोकतंत्र का अपमान” बताया, जबकि अन्य ने पुलिस और चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। कांग्रेस समर्थकों ने अपहरण और गोलीबारी से संबंधित वीडियो शेयर करते हुए भाजपा पर हमला बोला, वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की हार से बौखलाहट करार दिया।
चुनावी परिदृश्य
उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा ने 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि देहरादून में कांग्रेस ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद हासिल किए। नैनीताल में भाजपा की दीपा दर्मवाल और कांग्रेस की पुष्पा नेगी के बीच कड़ा मुकाबला था। बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख पद पर कांग्रेस समर्थित अंकित साह विजयी रहे।
नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान हुई हिंसा और अपहरण के आरोपों ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब सभी की नजर 18 अगस्त को होने वाले दोबारा मतदान पर टिकी है। इस बीच, पुलिस मामले की जांच में जुटी है और दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हैं। यह घटना लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है।