हरिद्वार,16,10,2025
रेनु शर्मा
हरिद्वार( हमारी चौपाल) सुभाष नगर की वरिष्ठ नेत्री किरण सिंह के यहां पर्वतीय मैदानी एकता समिति के द्वारा दीवाली मिलन समारोह मनाया गया जिसमें उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25वे वर्ष में पर्वतीय मैदानी एकता समिति प्रदेश भर में शहीद सम्मान समारोह आयोजित करेगी जिसमें सभी जिलों में शहीद राज्य आंदोलनकारी परिवारों को सम्मानित किया जाएगा..ये घोषणा पर्वतीय मैदानी एकता समिति के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने हरिद्वार में प्रबुद्ध सम्मेलन में कही है…इस दौरान समिति ने अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह को प्रदेश महिला अध्यक्ष..डॉ राजेंद्र पाराशर को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया है..पर्वतीय मैदानी एकता समिति के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड के आंदोलन में महिलाओं का अमूल्य योगदान और उनके बलिदान की दास्तान बहुत लंबी है जिसे कुछ मिनट में या एक दो बैठकों में समेटना आसान नहीं है … खटीमा गोलीकांड ,मसूरी गोलीकांड, रामपुर तिराहा कांड, नैनीताल गोलीकांड , यंत्र टापू श्रीनगर कांड जैसी घटनाओं के कारण आंदोलन का इतिहास जहां बलिदानों से भरा हुआ है वहीँ हमारे 42 शहीदों की शहादत को कोई भुला नहीं सकता है…उन्हीं बलिदानों की बुनियाद पर आज उत्तराखंड राज्य खड़ा है… परंतु बड़ा प्रश्न अभी भी यही है कि वास्तव में अलग उत्तराखंड राज्य की मांग के पीछे जो उत्तराखंड वासियों का उद्देश्य था क्या वह रजत जयंती वर्ष में 25 साल पूरे करने पर भी क्या वह पूर्ण हुआ है ? क्या शहीदों की जो मांग थी वह पूरी हुई है ? अलग राज्य बनाने का जो उद्देश्य था क्या हमने उसे पाया है ? महिलाओं को , युवाओं को, बेरोजगारों को, व्यापारियों को, पहाड़ के दुर्गम गांव तक शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ साथ नौजवानों, किसानों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी क्या वह मिला ? आपके सहयोग और समर्थन से मंच इन सभी प्रश्नों का उत्तर खोजेगी और आम नागरिकों के बीच जाएगी जो आज भी सशक्त और समृद्ध उत्तराखंड का सपना देख रहे हैं.. क्योंकि शहीदों की आत्मा तभी संतुष्ट होगी जब पर्वतीय मैदानी एकता होगी जब सीमावर्ती गांव से पलायन रुकेगा और जब प्रदेश नशा मुक्त, अपराधमुक्त होगा और जब सौहार्दपूर्ण माहौल में हम सब मिलकर अपने उत्तराखंड को सशक्त और समृद्ध बनाएंगे….आज एक बार फिर आवश्यकता इस बात की है कि हम भाइचारे , एकता और संस्कृति का भाव अपने मन में जगाए एक दूसरे की सहयोग के लिए मिलकर संवाद करें और भाईचारा और एकता बनाए रखने के लिए एकसाथ आगे बढ़े.. क्योंकि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद जिस तरह से रोजगार ,शिक्षा, स्वास्थ्य और संसाधनों के अभाव के नाम पर पलायन शुरू हुआ और आज भी जारी है उस पहाड़ की विशेषता के अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है..राज्य की सीमाओं पर आज गांव खाली हो रहे हैं और लोग मैदानी जिलों में बस रहे हैं .. अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही पर्वतीय मैदानी एकता मंच देश भर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में बसे प्रवासी उत्तराखंड भाइयों बहनों को जोड़ने का प्रयास भी करेगा और उनसे कहेगा कि वह अपनी माटी से जुड़ने के लिए “मेरा गांव मेरा पहचान”और “पर्वतीय मैदानी एकता सम्मेलन”जैसे आयोजन करेगा जिससे नई पीढ़ी अपने जड़ों से जुड़कर उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति को जान सके और देश भर में रह रहे उत्तराखंडी भाइयों बहनों और अन्य प्रदेशों के लोगों के बीच भाईचारा और आपसी सौहार्द और भी सशक्त हो सके… क्योंकि हमारे मंच का उद्देश्य है कि न सिर्फ उत्तराखंड के अंदर बल्कि देश भर में रह रहे उत्तराखंडी भाइयों बहनों और मैदानी मूल के लोगों के बीच भाईचारे का यह रिश्ता मजबूत हो….उपाध्यक्ष राजेंद्र पाराशर ने इस दौरान कहा कि गैर राजनैतिक भूमिका निभाते हुए मंच का प्रयास है कि दूर दराज के गांव से पलायन को रोका जा सके वहां रहने वाले लोग अपनी जड़ों से जुड़े देश भर में पहले पर्वतीय मूल्य के लोग मैदानी मूल के लोगों के साथ मिलकर भाईचारे और सौहार्द के साथ सशक्त भारत समृद्ध उत्तराखंड का निर्माण करें यही मंच का मूल उद्देश्य है जिसके लिए पर्वतीय मैदानी एकता सबसे जरूरी है पर्वतीय मैदानी एकता मंच की उपाध्यक्ष अनीता तिवारी ने कहा कि मंच में महिला शक्ति को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है….किरण सिंह …लक्ष्मी अग्रवाल … अरुणा शर्मा मीनाक्षी पराशर ऐसी ही समर्पित और सशक्त मातृशक्ति हैं जो पूरे प्रदेश का दौरा कर कार्यक्रमों और बौध्दिक सम्मेलन के जरिए लोगों को जोड़ रही हैं…क्योंकि हमारा मानना है कि जिस तरह से राज्य के निर्माण में , आंदोलन में सफ़लतापूर्वक नेतृत्व और सर्वोच्च बलिदान देने में मातृशक्ति ने बढ़-चढ कर अपना जौहर और साहस दिखाया है , उस साहस और सूझबूझ की जरूरत आज फिर इस प्रदेश को है क्योंकि 25 साल पहले हमने जनआंदोलन से राज्य को बनाया था और अब हमें इस राज्य को अनेकों चुनौतियों से बचाना भी है, संवारना भी है और देश का सर्वोत्तम राज्य भी बनाना है। ऐसे में हमारा मानना है कि मातृशक्ति को उनके अमूल्य योगदान के मुताबिक हिस्सेदारी देकर ही इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। कार्यक्रम में जिसमें विशेष रूप से चन्डमा नाद पंकज मलिक,सुरेंद्र धीमान् लाला कपड़े वाले, अनील नैयर सभासद सुभाष नगर,राजकुमार यादव राधेश्याम रमेश पाठक, अनील राणा,BHEL से राजकुमार राजेन्द्र मौर्या, प्रदीप सैनी, उमेश पाठक, अवधेश,पुर्वायल जन जागृती संस्थान बंगलेवर मिश्रा, मनोज शुक्ला, अध्यक्ष सनील पाण्डे, महामन्त्री ब्रहमा नन्द चौबे रेखा गुप्ता, वरिष्ठ नेत्री कांग्रेस ,ए दलीत स्थान समीती बाबु राम, धुर्व, अध्यक्ष राष्ट्रीय भागवत परिवार कुलवंत सिंह चड्ढा गौ रक्षक सेवा गोरी शंकर, रोहीत चौहान, सुन्दर कुमार रिंगवाल पवन परिहार, राजेश वर्मा, प्रेम चन्द सैनी वरिष्ठ भाजाया नेता, महावीर चौधरी, वरिष्ठ नेता,रोहित कुमार हंसराज सैनी, जगदीश गवत,डॉ -हरप्रीत, परमजीत, संतोष रावत, सौरभ,पुर्व व्यपार मण्डल .अध्यक्ष सुभाष नगर – संजीव वर्मा, व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुभाष नगर- ललित सैनी, राजेश कुमार महामन्त्री, अंकीत – महामन्त्री, उदय बसल, संयोजक कृष्णा, – कार्यवाहक दानवीर गुप्ता, सुशील सैनी, जीतु चौधरी, ( युवा नेता कन्हैया लाल गुप्ता,विनोद कुमार सुदेश कुमार, सुरेंद्र ठाकुर वरिष्ठ नेताव्यापर मण्डल में महिला सीमा चौधरी उपअध्यक्ष शान्ती विश्वास, – महासचिव पुनम यादव, सचिव दिया चौधरी,अराधाना पाण्डे,रीना यादव, मिथलेस कोशिक, आदि और भी सदस्यगण उपस्थित रहे।