HamariChoupal,17,08,2025
देहरादून( हमारी चौपाल)सनातन धर्म सभा, गीता भवन के सौजन्य से बीते शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर मेघदूत नाट्य संस्था ने “रुक्मिणी मंगल” नाटक का भव्य मंचन किया। नाटक का लेखन और निर्देशन प्रख्यात रंगकर्मी एवं संस्था के संस्थापक एस.पी. ममगाईं ने किया, जिन्हें पौराणिक कथानकों पर आधारित नाटकों की उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए जाना जाता है।
नाटक का मूल कथानक श्रीमद्भागवत, शिव पुराण, हरिवंश पुराण, स्कंद पुराण और गर्ग संहिता के प्रसंगों से लिया गया था। इसमें श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग, बदरीनाथ धाम में घंटाकर्ण की तपस्या तथा प्रद्युम्न जन्म की कथा को रंगमंच पर जीवंत किया गया। दर्शकों ने इसे मुक्तकंठ से सराहा और देर रात तक सभागार में डटे रहे।
मंचन में अनिल दत्त शर्मा ने श्रीकृष्ण और मिताली पुनेठा ने रुक्मिणी का किरदार निभाकर दर्शकों का मन मोह लिया। भगवान शिव की भूमिका विजय डबराल ने और पार्वती का अभिनय जाह्नवी पांडे ने किया। ब्राह्मण की भूमिका में उत्तम बंदूनी, घंटाकर्ण के रूप में नंदकिशोर त्रिपाठी और उसके भाई के रूप में गिरीविजय ढौंढियाल मंच पर उतरे। सुलेखा का अभिनय अर्चना भंडारी ने किया जबकि ऋषि अंगिरा बने गोविंद थपलियाल। वसंत की भूमिका मनीष गुसाईं ने निभाई और सारंग की भूमिका में राजेश भारद्वाज नजर आए।
इसके अतिरिक्त पूनम राणा ने भूमा व कामदेव की भूमिका अदा की, रश्मि जैना ने मंगला, हर्ष पांडे ने सात्यकि और प्रदीप शर्मा ने वशिष्ठ का चरित्र निभाया। मनीष गुसाईं कृतवर्मा के रूप में भी मंच पर आए। डांडिया नृत्य में सपना गुलाटी, पूनम राणा, रश्मि जैना, इंदु रावत, अर्चना भंडारी, जाह्नवी पांडे, मोनिका, प्रियंका राणा, कशिश और ममता ने समां बांध दिया।
नाटक में सिद्धार्थ डंगवाल ने रूपांतरित घंटाकर्ण का अभिनय किया। प्रेम कुमार, रवींद्र गोस्वामी और हर्ष पांडे ने भी अपनी भूमिकाओं से मंच को जीवंत किया। वस्त्र और रूप सज्जा में अमिता मोहित, मोनिका ढौंढियाल, अभिषेक मेंदोला, सपना गुलाटी, प्रदीप शर्मा और ममता का विशेष योगदान रहा।
संगीत आलोक मलासी द्वारा तैयार किया गया और संगीत संयोजन मोहित कुमार ने किया। कार्यक्रम का संचालन दिनेश शास्त्री ने किया।
मंचन में प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी, राजपुर रोड विधायक खजान दास, कैंट विधायक सविता कपूर सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय, महामंत्री विपिन नागलिया और गुलशन खुराना ने अतिथियों का स्वागत किया।
“रुक्मिणी मंगल” की यह प्रस्तुति न केवल पौराणिक प्रसंगों को जीवंत करने में सफल रही, बल्कि संगीत, नृत्य और अभिनय की दृष्टि से भी दर्शकों को अविस्मरणीय अनुभव दे गई। नाटक के अंत में दर्शकों ने मेघदूत संस्था के कलाकारों और निर्देशक एस.पी. ममगाईं को खड़े होकर तालियों से अभिवादन किया।