Hamarichoupal ,26,07,2025
देहरादून( हमारी चौपाल) आज गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री राजीव स्वरूप ने एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर “लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC)” से जुड़ी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई और जांच की जानकारी साझा की। यह सहकारी समिति अब तक लगभग ₹92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुकी है, जिसमें उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के हजारों निवेशक शिकार बने हैं। पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने की सिफारिश कर दी है।
सोसाइटी का जाल और धोखाधड़ी का तरीका
LUCC नामक यह सहकारी समिति अपने आपको एक मल्टी-स्टेट वित्तीय संस्था बताकर काम कर रही थी। इसने उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में अपनी जड़ें फैलाईं। समिति ने 4 से 5 साल में पैसा दोगुना करने का लालच देकर आम लोगों से निवेश करवाया। आमजन, खासकर ग्रामीण और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों ने अपनी मेहनत की कमाई इस झांसे में आकर इस संस्था में जमा कर दी।
उत्तराखण्ड में अवैध संचालन और 35 शाखाएं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि उत्तराखण्ड में इस संस्था के तत्कालीन डायरेक्टर मानवेन्द्र द्विवेदी ने बिना केन्द्रीय रजिस्ट्रार की अनुमति के अवैध रूप से 35 शाखाएं खोलीं। इन शाखाओं के माध्यम से हजारों निवेशकों से पैसे जमा कराए गए। जब तय समय पर निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं मिला तो सच्चाई सामने आने लगी।
कंपनी के अधिकारी फरार, 15 केस दर्ज
जब निवेशकों को उनकी मैच्योरिटी की रकम नहीं मिली और सोसाइटी के अधिकारी व कर्मचारी फरार हो गए, तो शिकायतों की बाढ़ आ गई। उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में LUCC के विरुद्ध कुल 15 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में कुल 20 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनमें से 12 आरोपियों को या तो गिरफ्तार किया जा चुका है या उनके खिलाफ वारंट बी जारी है।
घोटाले की जड़ में ‘समीर अग्रवाल’ और छह फर्जी कंपनियों का नेटवर्क
विवेचना के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि इस बहुस्तरीय धोखाधड़ी की जड़ में समीर अग्रवाल नामक व्यक्ति है, जो वर्तमान में दुबई में रह रहा है। समीर अग्रवाल ने देशभर में धोखाधड़ी का एक पूरा नेटवर्क खड़ा करते हुए कुल छह मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियाँ बनाई थीं। इनमें से पहली थी लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC), जिसका कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और हरियाणा था। दूसरी संस्था थी LJCC, जो मुख्यतः मध्य प्रदेश में सक्रिय थी। तीसरी संस्था SSV नाम से महाराष्ट्र में संचालित की जा रही थी। चौथी संस्था SS के नाम से गुजरात और राजस्थान में काम कर रही थी। इसके अतिरिक्त पाँचवीं संस्था फोर ह्यूमन बिहार और हरियाणा में अपने पांव पसार चुकी थी, जबकि छठी और अंतिम संस्था विश्वास के नाम से पंजाब में चलाई जा रही थी।
इन सभी संस्थाओं के माध्यम से समीर अग्रवाल और उसके सहयोगियों ने अलग-अलग राज्यों में आम जनता को उच्च रिटर्न का झांसा देकर निवेश करवाया और फिर धीरे-धीरे संस्थाएं बंद कर सभी संचालक फरार हो गए। यह पूरा तंत्र एक सुव्यवस्थित वित्तीय अपराध के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसकी जांच अब केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से की जा रही है।
उत्तराखण्ड में LUCC का संचालन उर्मिला बिष्ट और जगमोहन बिष्ट द्वारा किया जा रहा था।
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, CBI जांच की सिफारिश
घोटाले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए स्वयं माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रकरण का संज्ञान लिया है। उन्होंने न केवल प्रदेश स्तर पर अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की, बल्कि पीड़ित निवेशकों को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में CBI जांच की सिफारिश भी की है।
उत्तराखण्ड सरकार ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार को इस संदर्भ में पत्राचार कर सभी दर्ज मामलों की जांच CBI से कराने की औपचारिक सिफारिश की है। यह कदम राज्य सरकार की पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता और न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या कहता है पुलिस प्रशासन
IG गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप के अनुसार, यह अंतरराज्यीय आर्थिक अपराध है जिसकी जड़ें देश के कई राज्यों तक फैली हुई हैं। ऐसे मामलों की निष्पक्ष और प्रभावी जांच केवल CBI जैसे केंद्रीय जांच एजेंसी से ही संभव है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों – उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी 5 आपराधिक मुकदमे इस सोसाइटी के खिलाफ दर्ज हैं।
LUCC नामक इस संस्था ने वित्तीय ठगी का एक विशाल तंत्र खड़ा कर देश के हजारों नागरिकों की खून-पसीने की कमाई पर डाका डाला है। अब जबकि सरकार CBI जांच की ओर बढ़ चुकी है, निवेशकों को न्याय की आशा की किरण नजर आ रही है। आने वाले समय में यह जांच देशभर की ऐसी अन्य वित्तीय धोखाधड़ी की योजनाओं के लिए एक कड़ा सबक बन सकती है।
न्याय होगा, हर दोषी पर कठोर कार्रवाई होगी” मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी