विकासनगर,21,09,2025
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में रुड़की के ग्राम सुनहरा में लगभग 50 करोड रुपए की बेशकीमती भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हड़पने के खेल के पीछे जिस तरह से एसटीएफ द्वारा आईजी गढ़वाल (पुलिस महानिरीक्षक) कार्यालय में तैनात दो पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी संलिप्तता सामने आई है, इससे स्पष्ट हो जाता है कि आईजी कार्यालय का कहीं न कहीं संरक्षण इन दोनों पुलिसकर्मियों को था द्य अगर नहीं था तो क्यों इन दो खास पुलिस कर्मियों को पिथौरागढ़ से स्थानांतरित कर (आयात कर) आईजी राजीव स्वरूप के कार्यालय में तैनात किया गया। यहां सवाल इस बात का है कि इनको यहां आयात करने के पीछे किसकी सिफारिश थी व इस कहानी के पीछे कौन था, इसकी भी जांच होनी आवश्यक है, जिस घोटाले की गुंज पूरे प्रदेश के अंदर सुनाई दे रही हो, वो घोटाला साधारण नहीं हो सकता। नेगी ने कहा कि इन दो छोटी-छोटी मछलियों को तो पकड़ा जा चुका है, लेकिन बड़े वाले मगरमच्छ आज भी पिक्चर से बाहर क्यों हैं। कहीं आईजी कार्यालय का संरक्षण तो इन पुलिस कर्मियों को नहीं, क्यों इन पर हाथ नहीं डाला जा रहा। क्यों इस नेक्सस की कॉल रिकॉर्डिंग डिटेल नही खंगाली जा रही। पार्षद,गैंगस्टर, पुलिसकर्मियों व बड़े वाले मगरमच्छों के गठजोड़ का भी पर्दाफाश होना चाहिए। आश्चर्य इस बात का है कि बदमाशों, लुटेरों से अपनी संपत्ति की रक्षा करने हेतु जनता को पुलिस पर भरोसा होता है, लेकिन यहां तो पुलिस ही खुद भक्षक बनकर लोगों को लूटने का काम कर रही है। सरकार को चाहिए कि न्याय के सिद्धांत के दृष्टिगत आईजी राजीव स्वरूप को पदमुक्त कर प्रदेश को एक संदेश देना चाहिए कि प्रदेश में आज भी सुशासन का राज है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस घोटाले की प्रवृत्ति को देखते हुए इसमें शामिल तमाम बड़े मगरमच्छों को लपेटे में लेने हेतु उच्च स्तरीय जांच कराये। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे।