नैनीताल,19,11,2025
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपूर्ण संपत्ति धर्मशाला, मंदिर, गोशाला और अन्य परिसरों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सुपुर्द करने का आदेश दिया है।
लक्ष्मण झूला के पास स्थित कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर विवाद 2014 में देहरादून जिला न्यायालय में शुरू हुआ था। आरोप यह थे कि ट्रस्ट की वास्तविक प्रबंधन टीम को किनारे कर कुछ लोगों ने मंदिर, धर्मशाला और गोशाला समेत कई परिसंपत्तियों पर अवैध कब्ज़ा जमाया और वर्षों तक संस्थान की संपत्ति का मनमाना उपयोग किया। सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि मसूरी स्थित धर्मशाला और जौंक गाँव की गोशाला समेत कई संपत्तियों में अनियमितताएँ लगातार बढ़ती गईं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने 18 नवंबर को सभी पक्षों को सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के बाद आदेश संख्या 10511/2025 और अपील संख्या 2008/2016 के संदर्भ में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि ट्रस्ट की संपत्तियों को सुरक्षित और जनहित में चलाने के लिए एक निष्पक्ष एवं वैधानिक संस्था के हाथ में नियंत्रण होना आवश्यक है इसी आधार पर अदालत ने ट्रस्ट की सभी संपत्तियों के संचालन और नियंत्रण का अधिकार बीकेटीसी को सौंप दिया। अदालत ने जिला प्रशासन को आवश्यकतानुसार बीकेटीसी को पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश भी दिया है।
