नई टिहरी(आरएनएस)। वन आरक्षी संघ का वन सेवा नियमावली 2016 को लागू करने, 10 वर्षों की सेवा पर वन दरोगाओं की शत-प्रतिशत पदोन्नति किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर बेमियादी धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। जिसके चलते उन्हें फायर सीजन में भी आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार को भी वन बीट अधिकारी और वन आरक्षी ने डीएफओ कार्यालय के बाहर धरना देते हुए शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि संघ वर्ष 2018 नियमावली को समाप्त करने, 2016 नियमावली को फिर से लागू करने, वन आरक्षियों को एक स्टार की अनुमति देने, वेतनमान व्यवस्था में संशोधन, कर्मियों की सुरक्षा हेतु मजबूत कानून बनाने, वन आरक्षी के पदों पर निकाली गई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने से लेकर 10 साल की सेवा पूरी कर चुके दैनिक श्रमिकों को नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने मांगों का निराकरण न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
वन कर्मियों को धरना देने के लिए सरकार ने किया मजबूर
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