उत्तराखंड में बदली हुई सियासी परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। पांच मंत्री पद रिक्त होने के कारण सरकार पर जल्द विस्तार का दबाव बढ़ गया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी एक-दो दिन में दिल्ली जाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से अंतिम दौर की बातचीत करेंगे। हाईकमान से मंजूरी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा।
दिल्ली दौरे से तय होगी सियासी तस्वीर
उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लंबे समय से चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन किसी न किसी कारणवश यह मामला अटका रहा। छह मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तरकाशी दौरे के बाद मुख्यमंत्री दिल्ली गए थे, तब इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, लेकिन होली के त्योहार को देखते हुए फैसला टल गया। अब कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद हालात बदल गए हैं, जिससे मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना और प्रबल हो गई है।
राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री, राज्यपाल से की मुलाकात
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन जाकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से मुलाकात की। इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी।
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विवादित टिप्पणी को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। इसके बाद राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी रहा। आखिरकार, बढ़ते दबाव के बीच रविवार को अग्रवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे मंत्रिमंडल में खाली पदों की संख्या पांच हो गई।
मंत्रिमंडल विस्तार क्यों जरूरी?
उत्तराखंड सरकार में मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल हो सकता है, लेकिन वर्तमान में केवल सात मंत्री हैं। प्रदेश में मंत्रियों की कमी के चलते प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ रहा है। इसलिए अब विस्तार टालने का विकल्प नहीं बचा है।
फिलहाल मुख्यमंत्री के पास रहेंगे अग्रवाल के विभाग
राजभवन द्वारा प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद शासन ने भी उन्हें मंत्रिमंडल की सदस्यता से पदमुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अग्रवाल के पास रहे वित्त, शहरी विकास, आवास, संसदीय कार्य, पुनर्गठन और जनगणना विभाग अब मुख्यमंत्री धामी के पास रहेंगे।
अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर टिकी हैं। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसे मंत्रिमंडल में जगह देने की मंजूरी देता है और किस मंत्री का विभाग बदला जाता है, इस पर जल्द ही फैसला होने की संभावना है।