HamariChoupal,18,07,2025
देहरादून (हमारी चौपाल) उत्तराखंड पुलिस ने यूपी एटीएस के सहयोग से एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया है। देहरादून के रानीपोखरी क्षेत्र में सक्रिय इस रैकेट के तार आगरा, गोवा, दिल्ली और अन्य स्थानों से जुड़े होने की जानकारी सामने आई है। इस मामले में 5 अभियुक्तों के खिलाफ उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रकरण में संदिग्ध इंस्टाग्राम आईडी की मॉनिटरिंग और अवैध फंडिंग की जांच भी शुरू की गई है।
मामले का खुलासा
दिनांक 17 जुलाई 2025 को यूपी एटीएस ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से संपर्क कर आगरा में दर्ज एक धर्मांतरण से संबंधित मामले की गोपनीय जानकारी साझा की। इस सूचना में देहरादून के सहसपुर क्षेत्र के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान का नाम सामने आया, जिसे यूपी एटीएस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। यूपी एटीएस ने देहरादून पुलिस को एक संदिग्ध रैकेट की जानकारी दी, जो सोशल मीडिया, विशेष रूप से इंस्टाग्राम के माध्यम से धर्मांतरण के लिए सक्रिय था।
इसके आधार पर एसएसपी देहरादून ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक (देहात) के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। उत्तराखंड एसटीएफ की मदद से संदिग्ध इंस्टाग्राम आईडी की मॉनिटरिंग शुरू की गई। जांच के दौरान रानीपोखरी क्षेत्र में एक संदिग्ध युवती की इंस्टाग्राम आईडी का पता चला, जो अब्दुल रहमान के संपर्क में थी।
युवती के परिजनों की शिकायत
पुलिस ने उक्त युवती से गहन पूछताछ की और उसके परिजनों को रैकेट की कार्यप्रणाली (मोडस ऑपरेंडी) के बारे में विस्तार से बताया। पूछताछ में सामने आया कि कुछ मुस्लिम युवक और युवतियां युवती को धर्मांतरण के लिए दबाव डाल रहे थे। इस पर युवती के पिता राजकुमार बजाज, निवासी दोनाली, घमण्डपुर, रानीपोखरी, ने थाना रानीपोखरी में तहरीर देकर शिकायत दर्ज की। उनकी शिकायत के आधार पर थाना रानीपोखरी में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 5 अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच का दायरा बढ़ा
एसएसपी देहरादून और एसएसपी एसटीएफ ने संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि इस प्रकरण में यूपी पुलिस के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा जा रहा है। जांच में अब तक उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों में इस तरह की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, युवती के इंस्टाग्राम के माध्यम से उत्तर प्रदेश, गोवा और दिल्ली में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के साथ संपर्क होने की बात सामने आई है। इस आधार पर पुलिस ने संबंधित स्थानों पर जांच के लिए टीमें भेजी हैं।
अवैध फंडिंग की भी जांच
दून पुलिस इस मामले में न केवल धर्मांतरण, बल्कि अवैध फंडिंग के पहलुओं की भी गहन जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह रैकेट सोशल मीडिया के जरिए सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। संदिग्धों द्वारा इंस्टाग्राम के माध्यम से युवाओं को निशाना बनाया जा रहा था, जिसमें भावनात्मक और आर्थिक प्रलोभन देने की रणनीति अपनाई जा रही थी।
पुलिस की सतर्कता
एसएसपी देहरादून ने कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उत्तराखंड में धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर हमारी नजर है। हमारी टीमें यूपी एटीएस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं।” उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में शामिल सभी अभियुक्तों की पहचान और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है। सोशल मीडिया पर सक्रिय अन्य संदिग्ध आईडी की भी निगरानी की जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस रैकेट का कोई अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है।
जनता में जागरूकता
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। दून पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।