HamariChoupal,19,07,2025
पौड़ी( हमारी चौपाल)त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2025 को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। इस बीच पौड़ी जनपद से दो मतदान अधिकारियों की घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता का मामला सामने आया, जिस पर जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने त्वरित और सख़्त संज्ञान लेते हुए दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
17 जुलाई को प्रशिक्षण स्थल पर हुआ अनुशासन भंग
यह मामला 17 जुलाई 2025 को प्रेक्षागृह पौड़ी में आयोजित मतदान कार्मिकों के द्वितीय प्रशिक्षण सत्र के दौरान का है। इस सत्र में अनिल कुमार मैठाणी, डाकिया (कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी सिविल एवं सोयम, पौड़ी), और आनंद सिंह रावत, सहायक अध्यापक (राजकीय प्राथमिक विद्यालय दिगोली, नैनीडांडा), ने गंभीर अनुशासनहीनता की।
अनिल मैठाणी नशे की हालत में प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचे और बार-बार सीट छोड़कर इधर-उधर घूमते रहे। उनकी लड़खड़ाती चाल और बेतरतीब व्यवहार से यह स्पष्ट हो गया कि वे शराब के प्रभाव में थे। वहीं आनंद सिंह रावत तो प्रशिक्षण स्थल की सीढ़ियों पर ही शराब के नशे में अचेत अवस्था में पड़े मिले, जिससे न केवल अन्य कार्मिकों में भ्रम की स्थिति बनी, बल्कि चुनावी व्यवस्था की गंभीरता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया।
डीएम ने मानी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और सेवा नियमों का उल्लंघन
जिला निर्वाचन अधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने इस मामले को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 34 और उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन मानते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों कर्मचारियों को निलंबित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
डीएम भदौरिया ने दो टूक शब्दों में कहा कि
चुनावी प्रक्रिया में कोई भी लापरवाही, अनुशासनहीनता या असंवेदनशीलता कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारी से विमुख कर्मियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं डीएफओ को दिए निर्देश
इस पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी तथा डीएफओ सिविल एवं सोयम वन प्रभाग पौड़ी को निर्देशित किया है कि संबंधित कार्मिकों पर निलंबन की कार्यवाही शीघ्र अमल में लाई जाए और आगे से ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सख्त चेतावनी दी जाए।
संदेश स्पष्ट: जवाबदेही से कोई नहीं बच पाएगा
इस कार्रवाई ने प्रशासन के उस मजबूत संदेश को और बल दिया है कि चुनावी व्यवस्था में संलग्न हर अधिकारी और कर्मचारी को पूर्ण अनुशासन और गंभीरता से कार्य करना अनिवार्य है।