मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत में प्रत्यार्पित होने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। भारतीय एजेंसियां इस हमले से संबंधित सभी पहलुओं पर राणा से पूछताछ कर रही हैं।
पूछताछ में हमले में पाकिस्तान की केंद्रीय भूमिका की पुख्ता जानकारी मिल सकती है। इस बीच, पाकिस्तान का कश्मीर को लेकर अनर्गल पल्राप जारी है। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर ने इस्लामाबाद में पहले प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर हमारे गले की नस थी, हमारे गले की नस रहेगी और हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। जनरल मुनीर के इस बयान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा प्रतिवाद किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान को उसे जल्द खाली करना पड़ेगा। लोगों को याद होगा कि पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने साफ शब्दों में कहा था कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जो उसे खाली करना पड़ेगा।
इसके पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी लंदन में एक समारोह में कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान जम्मू-कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी के बाद होगा, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है। पीओके पर केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार का यह रुख निरंतर जारी है और अपनी गति पर है। यह बताता है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे से पीओके को भारत वापस लाने के लिए नई दिल्ली वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए प्रयासरत है।
यहां के नागरिक पाकिस्तानी सरकार और सेना के जुल्म से मुक्ति पाने के लिए आंदोलनरत हैं। वे भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के साथ रहना चाहते हैं। पाकिस्तान की पहचान एक ऐसे देश के रूप में बन गई है, जो आतंकवाद का केंद्र है। कोई भी सभ्य नागरिक ऐसे देश में रहना नहीं चाहता। इसीलिए वहां के नागरिक पीओके के भारत में विलय की मांग कर रहे हैं। उम्मीद है कि देर-सबेर उनका यह सपना पूरा होकर रहेगा।
पाकिस्तान बौखलाया हुआ
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