लदेहरादून के प्रेमनगर में हुई डकैती की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी जब खुद पुलिस ने तीन वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को इस अपराध में शामिल पाया। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब नवनियुक्त DGP के निर्देशों के तहत, एसएसपी अजय सिंह की टीम ने तेजी से कार्रवाई कर इन अपराधियों को सलाखों के पीछे डाल दिया।
कैसे हुआ यह चौंकाने वाला खुलासा?
ऋषिकेश निवासी यशपाल सिंह असवाल के मुताबिक, उनकी मुलाकात कुंदन नेगी नाम के शख्स से हुई थी, जिसने सस्ते में डॉलर दिलाने का लालच दिया। 31 जनवरी 2025 को, यशपाल तय रकम – 7.50 लाख रुपये लेकर सौदे के लिए झाझरा स्थित बालाजी मंदिर पहुंचे। लेकिन यहां जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया!
कुछ पुलिसकर्मी और उनके साथी वहां पहले से घात लगाए बैठे थे। उन्होंने यशपाल को डरा-धमका कर बैग लूट लिया और मौके से फरार हो गए। हालांकि, कुछ रुपये वापस कर दिए गए, लेकिन मामला गंभीर था।
DGP का आदेश और देहरादून पुलिस की त्वरित कार्रवाई
इस घटना की भनक जब एसएसपी अजय सिंह को लगी, तो उन्होंने तुरंत जांच टीम गठित की। सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस और खुफिया इनपुट के जरिए पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
बरामदगी से हुआ बड़ा खुलासा
छापेमारी के दौरान पुलिस ने ₹2.30 लाख नगद और 500 डॉलर (100-100 डॉलर के 5 नोट) बरामद किए, जिससे मामला पूरी तरह खुलकर सामने आ गया।
गिरफ्तार हुए अपराधी और उनका काला सच
1. अब्दुल रहमान – IRB-II झाझरा, देहरादून
2. सालम – IRB-II झाझरा, देहरादून
3. इकरार – थाना प्रेमनगर, देहरादून
4. राजकुमार – उत्तरकाशी
5. राजेश रावत – उत्तरकाशी
6. कुंदन सिंह नेगी – चमोली
7. राजेश चौहान – शिमला
DGP का कड़ा संदेश: “वर्दी के पीछे छिपे अपराधियों को नहीं मिलेगी माफी!”
DGP ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई पुलिसकर्मी अपराध में लिप्त पाया गया, तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले ने उत्तराखंड पुलिस को हिला कर रख दिया है, क्योंकि जिनपर जनता की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वही अपराधी बन बैठे।
अब देखना यह होगा कि इस चौंकाने वाली घटना के बाद उत्तराखंड पुलिस अपराधी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई करती है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह लगाम लग पाएगी?