देहरादून,25जनवरी2025(आरएनएस) – उत्तराखण्ड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 25 वर्षों से पुलिस की आंखों से दूर चल रहे इनामी अपराधी सुरेश शर्मा को झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। सुरेश शर्मा पर 2 लाख रुपये का इनाम भी था और उसे बद्रीनाथ में सरेआम डीजीसी बालकृष्ण भट्ट की हत्या के मामले में वांछित किया गया था।
पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने कहा, “उत्तराखण्ड पुलिस अपराधियों की धरपकड़ और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने एसटीएफ के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लंबे समय से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें।
अपराध का ब्योरा:
सुरेश शर्मा, मूल निवासी ऋषिकेश, ने 28 अप्रैल 1999 को संरचना विवाद के चलते डीजीसी बालकृष्ण भट्ट की हत्या कर दी थी। यह घटना बद्रीनाथ में घटी थी, जिसने पूरे क्षेत्र में आतंक फैला दिया। सुरेश पहले गिरफ्तार हुआ, लेकिन कुछ समय बाद उसे जमानत मिल गई। जमानत के कुछ दिनों बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी जमानत खारिज कर दी, जिसके बाद वह फरार हो गया।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया:
23 जनवरी 2025 को एसटीएफ की ओर से एक कुशल टीम का गठन किया गया, जिसमें निरीक्षक श्री अबूल कलाम के नेतृत्व में अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। टीम ने तकनीकी और भौतिक सूचनाओं का गहन विश्लेषण कर सुरेश शर्मा की पहचान सुनिश्चित की। इसके बाद उन्हें झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए सुरेश शर्मा ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह जमानत के बाद मुंबई गया था और अपने नाम को बदलकर मनीष शर्मा रख लिया था। इसके बाद वह अपने हिस्से के व्यापार में जुट गया।
गिरफ्तारी में शामिल टीम:
- निरीक्षक श्री अबुल कलाम
- उपनिरीक्षक श्री विघादत्त जोशी
- उपनिरीक्षक नवनीत भण्डारी
- हेड कांस्टेबल संजय कुमार
- कांस्टेबल मोहन असवाल
- कांस्टेबल जितेंद्र कुमार
पुलिस महानिदेशक ने इस गिरफ्तारी को संगठित अपराधों पर एक बड़ी विजय कहा और पुलिस टीम के प्रयासों की सराहना की। उत्तराखण्ड पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वे राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।