विनोद जोशी / (आरएनएस )
पिथौरागढ़ । उत्तराखण्ड वह प्रदेश है जहां दावे तो बड़े बड़े किए जाते हैं लेकिन वास्तविकता इन दावों से कोसों दूर है, यहां प्रशासन तब लाठी पीटता है जब सांप निकल जाता है। जी हां हम ताजातौर पर बात कर रहे हैं इस समय चल रही प्रादेशिक सेना की भर्ती की । इन दिनों प्रादेशिक सेना में अलग-अलग पदों के लिए सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हो रही भर्ती ने कुमाऊं के चार जिलों की परिवहन व्यवस्थाओं को तार-तार कर दिया। मैदान वाले हल्द्वानी तक किसी तरह पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को ढाई सौ किमी. दूर पिथौरागढ़ तक पहुंचने के संकट के आगे सारी व्यवस्थाएं फेल हो गईं।
कानून व्यवस्था संभाले रखने में प्रशासन के अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। पिथौरागढ़ से दिल्ली, देहरादून जाने वाली बसों में यात्रियों को स्थान नहीं मिल पा रहा है। पिथौरागढ़ नगर के स्कूलों में तीन दिन का अवकाश घोषित करना पड़ा है।
सेना भर्ती को लेकर पूर्व में सेना और प्रशासन की बैठक में तैयारियों पर चर्चा तो की गई थी लेकिन युवाओं की इतनी भीड़ उमड़ पड़ेगी इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। इसका परिणाम यह हुआ कि टनकपुर और हल्द्वानी से लेकर भर्ती केंद्र पिथौरागढ़ तक युवाओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त वाहन लगाने पड़े हैं।
पिथौरागढ़ में भर्ती स्थल वाले रूट पर जाम की समस्या भी पैदा हो गई है। युवा स्टेशनों पर बसों के लिए भटकते नजर आए ही बसों के टनकपुर से वापस लौटा दिए जाने से दिल्ली के लिए आवाजाही करने वाले सीमांत जिले के लोगों की भी अचानक परेशानियां बढ़ गईं। सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंचे कुछ युवक दुकानों के शटर के बाहर भी सोते नजर आए।
हजारों की संख्या में युवा पिथौरागढ़ जाने के लिए सोमवार से रुद्रपुर, हल्द्वानी, टनकपुर और चंपावत में जमा होने लगे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, रोडवेज से लेकर केमू तक की बसें कम पड़ने लगीं। अभी यह दौर एक सप्ताह तक और चल सकता है। कारण यह है कि अभी तो पिथौरागढ़ जा रहे अभ्यर्थियों को लौटने में दिक्कत होगी।
इस एक भर्ती ने रुद्रपुर, हल्द्वानी, टनकपुर और चंपावत जिले में व्यवस्थाओं को इस कदर धराशायी किया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को रोडवेज स्टेशनों पर पहुंचकर व्यवस्थाएं संभालने के लिए उतरना पड़ा। पूरा-पूरा दिन वहीं बिताना पड़ रहा है। बिगड़ी व्यवस्था में अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि आम लोग भी प्रभावित हुए हैं। पहाड़ की जिन सड़कों पर यात्रियों को आसानी से रोडवेज और केमू की बसें उपलब्ध होती थीं, वहां जाने के लिए इन दिनों एक भी बस नहीं है। दूसरे रूटों की बसें भी अभ्यर्थियों को ले जाने के लिए लगा दी गई हैं। इसके बावजूद हल्द्वानी से लेकर चंपावत तक अभ्यर्थी और आम यात्री बसों के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
इन पदों के लिए हो रही भर्ती
प्रादेशिक सेना की अलग-अलग बटालियनों में सैनिक जीडी, सैनिक क्लर्क, सैनिक ट्रेड्समैन के पदों पर भर्ती प्रकिया चल रही है। सेना भर्ती चार्ट के अनुसार 12 से 27 तक प्रस्तावित भर्ती में 12 व 13 को उड़ीसा के अभ्यर्थियों की, 14 व 15 को छत्तीसगढ़, 16 व 17 को बिहार, 18 व 19 को मध्य प्रदेश, 20 व 21 को यूपी, 22 व 23 को उत्तराखंड, 24 व 25 को झारखंड के युवाओं की भर्ती होनी है। 26 और 27 को सभी राज्यों के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच, ट्रेड के अभ्यर्थियों का परीक्षण और अन्य का चिकित्सा परीक्षण किया जाएगा।
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