नई दिल्ली । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कई योजनाएं हैं जिसके जरिए लोगों को कारोबार करने के लिए फंड का इंतजाम हो जाता है। इनमें से एक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी है। इस योजना के तहत लोगों को कारोबार करने के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन मिल जाएगा। ये लोन बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी), एमएफआई और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से दिए जाते हैं। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
योजना की खासियत
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन अब चार कैटेगरी में मिलते हैं। ये चार कैटेगरी- शिशु, किशोर, तरुण और नई जोड़ी गई कैटेगरी तरुण प्लस है। शिशु कैटेगरी के तहत 50,000/- रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। इसके अलावा किशोर कैटेगरी के लिए 50,000/- रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। तरुण कैटेगरी में 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते हैं। इसके अलावा तरुण प्लस कैटेगरी के तहत 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के लोन प्रदान किए जाते हैं।
किस काम के लिए लोन
ये लोन विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में सावधिक फंडिंग और वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करते हैं, जिसमें मुर्गीपालन, डेयरी और मधुमक्खीपालन आदि जैसी कृषि से संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। इसकी ब्याज दर रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों से नियंत्रित होती है, जिसमें वर्किंग कैपिटल सुविधाओं के लिए लचीली री-पेमेंट शर्तें शामिल हैं।
योजना के तहत कितने बांटे गए लोन
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में पिछले 10 वर्ष के दौरान 52.37 करोड़ खातों के माध्यम से 33.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मुद्रा लोन दिये गये है। शिशु कैटेगरी के अंतर्गत कुल 8.49 लाख करोड़ रुपये, किशोर कैटेगरी के अंतर्गत ₹4.90 लाख करोड़ तथा तरुण कैटेगरी के अंतर्गत 0.85 लाख करोड़ रुपये ऋण वितरित किए गए।
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