देहरादून,12अप्रैल 2025(हमारी चौपाल ) उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने भारतवर्ष में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए एक महत्वाकांक्षी और राष्ट्रव्यापी अभियान “ऑपरेशन प्रहार” शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत, उत्तराखंड STF देश के विभिन्न राज्यों में छिपे बैठे 337 शातिर साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई करेगी। यह देश में पहली बार होगा जब इतने बड़े पैमाने पर साइबर अपराधियों के विरुद्ध एक साथ अभियान चलाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण” के विजन और पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, साइबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में, STF उत्तराखंड के एसएसपी नवनीत सिंह ने “ऑपरेशन प्रहार” की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन के लिए साइबर क्षेत्र के विशेषज्ञ पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा को एक ठोस रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया था। इस रणनीति के तहत, उत्तराखंड राज्य के दो साइबर थानों – साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन गढ़वाल और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमाऊं परिक्षेत्र में दर्ज 200 से अधिक लंबित साइबर अपराधों में संलिप्त 337 साइबर अपराधियों की पहचान की गई है। ये अपराधी दिल्ली (40), महाराष्ट्र (38), उत्तर प्रदेश (28), राजस्थान (28), तमिलनाडु (25), पश्चिम बंगाल (18), कर्नाटक (17), गुजरात (16), नागालैंड (15), मध्य प्रदेश (14), तेलंगाना (11), केरल (10), आंध्र प्रदेश (10), बिहार (09), हरियाणा (08), पंजाब (07), असम (06), मणिपुर (06), मिजोरम (05), झारखंड (05), गोवा (05), ओडिशा (04), छत्तीसगढ़ (03), दिल्ली एनसीआर (03), त्रिपुरा (02), दादरा नागर हवेली (01), मेघालय (01), हिमाचल प्रदेश (01) और उत्तराखंड (01) सहित विभिन्न राज्यों में छिपे हुए हैं।
इन चिन्हित शातिर साइबर अपराधियों की धरपकड़ और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए, अपर पुलिस अधीक्षक STF स्वप्न किशोर सिंह और पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम अंकुश मिश्रा के कुशल नेतृत्व और पर्यवेक्षण में STF और साइबर क्राइम पुलिस की विशेष टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में साइबर क्राइम पुलिस के 30 कुशल कर्मियों को शामिल किया गया है।
“ऑपरेशन प्रहार” दो चरणों में संचालित किया जाएगा। प्रथम चरण में, 17 राज्यों के 272 संदिग्ध अपराधियों का सत्यापन किया जाएगा, जबकि द्वितीय चरण में शेष 12 राज्यों के 65 अपराधियों का सत्यापन कर उनके विरुद्ध ठोस कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी नवनीत सिंह ने जोर देकर कहा कि “ऑपरेशन प्रहार” साइबर ठगी के जघन्य अपराधों में संलिप्त शातिर अपराधियों के विरुद्ध एक व्यापक और प्रभावी कार्रवाई है। उन्होंने बताया कि इन सैकड़ों साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए STF उत्तराखंड की साइबर क्राइम पुलिस की टीमें बहुत जल्द विभिन्न राज्यों के लिए रवाना होंगी। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड पुलिस के इस विशेष अभियान के कहर से अब कोई भी शातिर अपराधी बच नहीं पाएगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF उत्तराखंड नवनीत सिंह ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लुभावने ऑफर, फर्जी वेबसाइट, धन दोगुना करने वाली योजनाओं और टिकट बुकिंग के अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं। उन्होंने फर्जी निवेश ऑफर, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, यूट्यूब लाइक और सब्सक्राइब में निवेश जैसे संदिग्ध प्रस्तावों से बचने की सलाह दी। साथ ही, किसी भी अनजान व्यक्ति से संपर्क न करने और सोशल मीडिया पर दोस्ती न करने की भी अपील की। अनजान कॉल आने पर लालच में न आने, अनजान कॉलर की सत्यता की जांच किए बिना किसी भी प्रकार की सूचना या दस्तावेज साझा न करने की सलाह दी गई है। ऑनलाइन नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले संबंधित वेबसाइट और कंपनी की पूरी तरह से जांच करने और गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर को सर्च न करने की सलाह दी गई है। किसी भी प्रकार के संदेह होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करने और वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करने और अधिक से अधिक जागरूक रहने का प्रयास करने की अपील की गई है।
“ऑपरेशन प्रहार” उत्तराखंड पुलिस की साइबर अपराध के खिलाफ एक मजबूत पहल है, जो न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में साइबर ठगी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि वे कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।
ऑपरेशन प्रहार: उत्तराखंड STF का साइबर ठगी के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी अभियान, 337 अपराधी निशाने पर
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